भगवान शिव देवों में सर्वप्रथम पूज्य हैं।
इसलिए उन्हें देवाधिदेव कहा जाता है।
हिंदू धार्मिक ग्रंथों में आदिदेव महादेव को सर्वशक्तिमान देव माना गया है।शिव जीव जगत के सर्जक, पालक और संहारक माने गये हैं।
भगवान शिव चार व्यूहों में बंटे हैं ब्रह्मा, काल रुद्र और विष्णु़ ये चारों शिव के आधार हैं।
धार्मिक ग्रंथों की मानें तो शिव सत्य है, सुंदर हैं।
शिव की परिकल्पना एक ऐसी मूर्ति के रूप में है जो मूर्त भी हैं और अमूर्त भी।
शिवपुराण में वर्णित है कि शिव की पूजा से ज्यादा फल शिवलिंग के पूजन से आस्तिकों को मिलते हैं।
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