रोशन झा, १६ फाल्गुण
हिमालिनी डेस्क, सप्तरी ।
चर्चित सुपरस्टार गायक उदित नारायण झा अपने पैतृक गांव अपनी जन्मभूमि सप्तरी भारदह आए हुए हैं ।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ माँ कंकालिनी भगवती का अापने दर्शन किया । कल रात को उन्होंने स्थानीय लोगों से भेटघाट की और सबसे बातचीत भी की ।
हिमालिनी से हुई बात चीत का अंश
* आप लम्वे अरसे के बाद अपने गांव आए हैं लोगों का प्यार देखकर कैसा अनुभव कर रहे हैं ?
उदित जीः भगवान राम को भी १४ वर्ष बनवास रहना पडा मैं तो इन्सान हूँ, माँ कंकालिनी ने मुझे मुम्बई में रहने का हुक्म दिया था मैं वहां था उन्होंने बुलाया और मैं आ गया, मैं आभारी हूँ भारदह वासियों का जिन्हाेंने इतना स्नेह दिया है ये सब हमारे अपने ही ताे हैं । सब माता रानी की कृपा है ।
* आप ने बहुत प्रसिद्धि हासिल की कामयाबी का हर मुकाम आप को मिला मुम्बई की गलेम्ररस दुनिया में आपको भारदह कभी याद अाया ?
उदित जीः जन्मभूमि और जन्म देनेवाली माँ को कोई भूल पाता है कभी मैं कही भी रहुं लेकिन यहां का ख्याल हमेशा मेरे साथ है ।
* सर इस ब्यस्त समय में आप अपनी मातृभूमि को कितना समय देने वाले है ?
उदित जीः होली तक मैं भारदह में रहुंगा शहरों में तो बहुत होली खेली इसबार अपने गांव में होली खेलुंगा ।
* उदित सर बहुत पहले आपने एक अन्तर्वाता के दौरान पत्रकार को कहा था की मैं कोशी के किनारे एक घर बनाऊंगा और वहीं रहुंगा और आप भारदह में हैं उसपर क्या राय है?
उदित जीः जैसी माँ कंकालिनी भगवती की ईच्छा उनकी जो आज्ञा हो ।वाे चाहेगी ताे घर भी बनेगा ।
* उदित सर आप अपने चाहने वालाें को कुछ संदेस देना चाहते हैं?
उदित जीः मैं आज जो भी हुँ वो मेरे चाहने वालाें के स्नेह प्रेम के बदोलत ही हूँ मैं आभारी हूँ सभी का और सभी को धन्यवाद देता हूँ । साथ ही सभी को होली की मुबारकवाद भी देना चाहूँगा, एक दूसरे से राग द्वेष मिटाकर प्यार के रंग म सभी रंगे और अच्छे से होली मनाएं ।
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