अक्षर अक्षर में शब्द शब्द में सांसें भरने आए : ललन चाैधरी

ललन चाैधरी
अक्षर अक्षर में
शब्द शब्द में
सांसें भरने आए
गीतों में मुस्कान
भरे जीवन संघर्ष में गाए ..
बचपन बीता लहरों में
गीत लहरों में लहराए..
जीवन के हर मोड़ पर
सीधी राह को दिखाए..
जब तक सांसे चलती रही..
गीतों में गीत सजाए..
दुनिया देख विचलित न हुए
आंसू से मुस्कान सजाए..
कितनी बार रोई जिंदगी..
पर वो गीतों में ढल आए.
जब जब उम्र ने तुझे ललकारा..
तू गीत स्वर्ग के गाए..
अपनी बीती आप कहे
जब जब तू ठोकर खाए .
कौन कहां किसका बंदे
गीतों में ये तू समझाए..
सपनों से सजी ये दुनिया..
गीतों के पांखों पर सो जाए..
वक्त को तूने साथी माना
हर पल दुख में गले लगाए..
मौत तेरे जब सामने आई
गीतो में ढल तू मुस्काए..
जब तक चांद ,तारे रहेंगे
आसमां से गीतों के बादल बरसाए..
एक दिन तेरी दुनिया भी
सबको रूला रूला जाए..
हम तो तेरे गीतों में..
यूं ही वक्त को गुनगुनाए..
बस इक बार जरा तू
अपने गीतों में मुस्काए..!
अपने गीतों में आ जाए!!
नमन!!
ललन चौधरी पटना बिहार
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