केन्द्र के प्रति मुख्यमन्त्री पोखरेल भी असन्तुष्ट, वित्तीय और प्रशासनिक संघीयता पर जोर

बटबल, १ अक्टूबर । प्रदेश नं. ५ के मुख्यमन्त्री शंकर पोखरेल प्रधानमन्त्री केपीशर्मा ओली के निकट व्यक्ति माने जाते हैं । लेकिन मुख्यमन्त्री पोखरेल ने भी केन्द्रीय सरकार के प्रति असन्तुष्टि व्यक्त किया है । उनको मानना हैं कि देश में राजनीतिक संघीयता तो आया है, लेकिन वित्तीय और प्रशानिक संघीयता अभी तक कार्यान्वयन नहीं हो पाया है । उन्होंने संकेत किया कि यह सब केन्द्रीय सरकार के कारण ही हो रहा है ।
बुटबल में आइतबार आयोजित आर्थिक गतिविधि अध्ययन सार्वजनिक कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए मुख्यमन्त्री पोखरेल ने कहा– ‘संघीयता को अर्थपूर्ण और सार्थक कार्यान्वयन के लिए वित्तीय और प्रशासनिक संघीयता प्रदेश स्तर में भी आना चाहिए, जो नहीं आ रहा है ।’ उन्होंने कहा कि वित्तीय आयोग संवैधानिक रुप में केन्द्र में भी स्थापना नहीं हो पाया है, जो प्रदेश स्तर में आने के लिए समय लग सकता है ।
मुख्यमन्त्री पोखरेल ने कहा कि संविधान के अनुसार तीनों निकायों में प्रशासनिक संगठन निर्माण किया जा सकता है, लेकिन वह अभी तक प्रदेश और स्थानीय तहों में लागू नहीं हो पाया है । उनका मानना है कि केन्द्र ने कर्मचारी समायोजन ना करने के कारण ऐसा हो रहा है । उन्होंने कहा कि केन्द्र ने सिर्फ कर्मचारियों को व्यवस्थापन किया है, समायोजन नहीं है ।
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