गैर आवासीय मधेसी संघ द्वारा कतार मे मधेसी मिलन समारोह ओर वनभोज.(फोटो फिचर सहित)

राकेश मैथिल कतार 6 जनवरी । जनवरी 5, 2018 को नयाँ साल ओर मकर संक्रान्ति के अवसर पर गैर आवासीय मधेसी संघ (Non-Resident Madheshis Association) #NRMA के कतार चैप्टर द्वारा आयोजित मधेसी मिलन ओर वनभोज समारोह कतार के सहानिया मे सफलतापुर्बक 1000 मधेसीयो के संलग्नता मे सम्पन्न हुआ। इसमे दोहा कतार मे रहे सभी संघ संस्था, बुद्धिजीवी, साहित्य से जुरे ओर सम्पुर्ण मधेसी गण को आमन्त्रित किया गया था। सभी ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता जनाई और कार्यक्रम को भव्य सफल बनाया। मधेस से जुरे सान्स्कृतिक प्रोग्राम , गीत, कविता वाचन भी किया गया । साथ साथ कार्यक्रम मे सहभागी हुये लोग मधेस ओर मधेसी पर्व मकर संक्रान्ति के उपर अपनी अपनी धारणा भी रखी थी ।
कार्यक्रममे पहुचते ही तिल का लाइ , मुरही का लाइ ,चुरा का लाइ नास्ता के रुप मे प्रबन्ध किया था। इसके वाद कार्यक्रमका शुरूवात हुवा। कार्यक्रम के शुरूवात गैर आवासीय मधेसी संघ कतार के सचिब दिवाकर झा ने उदघोषण करते हुवे मधेस का रास्ट्रगान रामदयाल मण्डल ने गाकर ओर मधेस एवम् मधेसीयो के लिये अपनी जान कुर्वान किये हुवे मधेसी सहिद को सम्मान के लिये मौन धारण किया गया। मौनधारण के वाद कार्यक्रममे NRMA के औचित्य , गतिविधि पर दिवाकर झा ने प्रकाश डला ओर मकर संक्रान्ति का शुभकामना ब्यक्त किया। उसके वाद देव नारायण यादव , रामजन्म शर्मा, मोहरम नदाफ, जगत लाल मण्डल , जय प्रकाश मधेसी , शिव कुमार पाल, रघुनन्दन यादव , सुनिल राय, नागेश्वर मह्तो, सन्तोष बिश्वास , चन्द्रविर यादव ,राकेश मैथिल, देव नारायण यादव , राकेश, रामदेव राय ओर गैर आवासीय मधेसी संघ का सल्लाहकार ई.सुरेन्द्र नारायण यादव , ई.रविकान्त लाल जैसे वक्ताओने मधेसके राजनीतिक, आर्थिक ,समाजिक , इतिहास ,भूगोल बिषय पर अपना अपना वक्तव्य दिया। शुभकामना ओर वक्तव्य कार्यक्रम के वाद हुवे सांस्कृतिक कार्यक्रम मे देवकुमार महरा, राम दयाल मण्डल , अबधेस कुमार मण्डल ने गायन नृत्य का कार्यक्रम पेश किया। गित नृत्य के वाद सम्मान ओर बिदाई कार्यक्रम हुवा। मधेस ओर मधेसी के लिये जो लोग अपनी योगदान दिये थे उन्हे सम्मान किया गया। साथसाथ कतार छोडकर कर मधेस मे जा रहे गैर आवासीय मधेसी संघ का सह प्रवक्ता सन्तोष बिश्वास को बिदाइ किया गया। कार्यक्रम के अन्त मे गैर आवासीय मधेसी संघ कतार के अध्यक्ष ई.शम्भुनाथ साह ने अपना मनतब्य देकर समाप्त किया। कार्यक्रम अन्त होनेका वाद खिचडी खाकर सब लोग अपने केम्प/डेरा लौटे थे। मकर संक्रान्ति का दिन जो हम लोग मधेस मे खिचडी खाते है उसीतरह यहाँ पर भी मधेसी परिकार के साथसाथ खिचडी भी बनाया गया था।
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