नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी को लग गया झट्का, सर्वोच्च में रिट दायर

काठमांडू, २६ मई । नव गठित नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी को झट्का लग गया है । कारण है– प्रतिनिधिसभा और प्रदेशसभा में जो सभामुख और उपसभामुख हैं, दोनों एक ही पार्टी से होना । इसके विरुद्ध सर्वोच्च अदालत में रिट दायर हुआ है ।
स्मरणी है, प्रदेश नं. २ के अलवा अन्य सभी प्रदेशों में सभामुख और उपसभामुख एक ही पार्टी के हैं । लेकिन नेपाल के संविधान २०७२ के धारा ९१ उपधारा ९२ के अनुसार प्रतिनिधिसभा के सभामुख और उप–सभामुख अलग–अलग पार्टी से होना चाहिए । इसीतरह संविधान के धारा १८२, उपधारा ९२ में उल्लेख है कि प्रदेशसभा के सभामुख और उपसभामुख भी अलग–अलग पार्टी से होना चाहिए ।
अभी प्रतिनिधिसभा और प्रदेशसभा में जो सभामुख और उपसभामुख हैं, दोनों नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के हैं, जो संविधान के विपरित है –ऐसी ही दावा करते हुए अधिवक्ता अच्युत खरेल ने सर्वोच्च अदालत में रिट निवेदन पेश किया है । अपने रिट निवेदन में उन्होने कहा है कि अब पुनः निर्वाचन कर अलग–अलग पार्टी के सभामुख और उपसभामुख होना चाहिए । प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद् कार्यालय को विपक्षी बनाकर रिट निवेदन दायर की गई है ।
रिट निवेदन में अधिवक्ता खरेल ने कहा है कि एमाले और माओवादी पार्टी के बीच एकता होने के बाद संसद में प्रतिनिधित्व करनेवाले सभामुख और उपसभामुख भी एक ही पार्टी के हो गए हैं, जो संविधान के विरुद्ध है । उन्होंने आगे कहा है कि संविधान अनुसार कर्णाली प्रदेश सहित प्रदेश नं. १, ३, ४, ५ और ७ में अलग–अलग पार्टी के सभामुख और सभामुख होना चाहिए ।
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