पूर्व युवराज पारस धर्म–कर्म में

काठमांडू, १४ मई । पूर्व युवराज पारस शह धर्म–कर्म में सक्रिय दिखाई देने लगे हैं । आइतबार उन्होने गोकर्णेश्वर नगरपालिका–४ उत्तरबाहिनी स्थित कान्तिभैरव और पञ्चमुखी हनुमान मन्दिर में विशेष पूजा किया । लिच्छवीकालीन पुरातात्विक महत्व से भरिपूर्ण कान्तिभैरव मन्दिर में शाह ने गुरुकुल ब्रह्मण बटुक की वैदिक मन्त्रोच्चारण सहित पूजा किया । गुरुकुल के आचार्य श्रीराम अधिकारी ने पूजा के लिए शाह को सहयोग किया । उत्तरगया क्षेत्र व्यवस्थापन समिति के प्रमुख सल्लाहकार एवं कान्तिभैरव गुरुकुल सञ्चालक समिति के अध्यक्ष प्राडा ऋषिराम पोखरेल ने पूर्व युवराज परास को गोकर्णेश्वर उत्तरगया एवं कान्तिभैरव और पञ्चमुखी हनुमान मन्दिरों कि ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के संबंध में जानकारी दिया ।
स्मरणीय है, हिमवत्खण्ड में इस जगह की नाम कान्तिश्वर उल्लेख है । यहां के गुफा में योगमाया, शिवपुरी बाबा, श्यामचेतन (बासुकी) बाबा, प्रेमनारायण भण्डारी आदि ने साधना किया था । बागमती नदी का उद्गम स्थल बागद्वार है, वही नदी कान्तिभैरव मन्दिर के आगे से उत्तर दिशा की ओर बहती है । जिसके चलते इस जगह को उत्तरगया के नाम से पुकारे जाते हैं ।
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