६ साल का यह बालक दैनिक ८ घण्टा पैदल चलकर स्कुल जाता है

काठमांडू, १ फरवरी । आप यह सुनकर हैरान हो सकतै हैं कि शीतगंगा नगरपालिका–१० सिद्धारा तारीके (अर्घखाँची) निवासी ६ साल के एक बालक दैनिक ८ घण्टा पैदल चलकर स्कुल आते–जाते करते हैं । हां, यह सच है । सुन्दर बालन नामक यह बालक को स्कूल के दिन दैनिक ८ घण्टा पैदल चलना पड़ता है, व भी अकेले ही । रास्ते में जंगल भी पड़ता है, जंगली जनावरों का भय भी रहता है, लेकिन यह उनकी बाध्यता है । सुन्दर कक्षा २ में पढ़ते हैं । सिर्फ सुन्दर ही नहीं ही नहीं, अर्घाखाँची हर्रे स्थित जनजागृती माध्यमिक विद्यालय में पढ़नेवाले अधिकांश विद्यार्थियों को दैनिक ५ घण्टा से ८ घण्टा तक पैदल चलना पड़ता है ।
सिद्धारा अर्घखाँजी जिला के लिए ही सबसे बिकट गांव है । इस गांव से हर्रे स्थित जनजागृती स्कूल पहुँचने के लिए ४ घण्टा लगता है । घर से जाने के लिए ४ घण्टा और आने के लिए ४ (कूल ८ घण्टा) पैदल चलना यहां के विद्यार्थियों की दैनिकी है । सुन्दर की तरह ही हर्रे और उस आसपास के अधिकांश गांव के विद्यार्थी पढ़ने के लिए जनजागृती माध्यमिक विद्यालय पहुँचना पड़ता है, इसके अलवा उनके लिए अन्य कोई विकल्प नहीं है ।
स्कूल की शिक्षिका देवी पोखरेल ने कहा कि कोठे खोला निवासी ६ वर्षीय बालक कमल बहादुर नेपाली और गोपाल नेपाली भी दैनिक ५ घण्टा पैदल चलकर स्कूल आते हैं । कमल और गोपाल जिस रास्ते पर चलते है, वहां जंगल नहीं है । लेकिन सुन्दर को अकेले ही जंगल का रास्ता पार करना पड़ता है । यह समाचार आज प्रकाशित अन्नपूर्ण पोष्ट में है ।
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