सीने में आपके दिले हस्सास है ,अगर अहसान ये जिन्दगी की दरखशाँ मिसाल है : अहसान कुरैशी
बाँके / नेपालगंज
पवन जायसवाल
गुल्जार–ए–अदब के सचिव मोहम्मद मुस्तफा अहसान कुरैशी द्वारा प्रस्तुत गजल ।
माजी था शानदार प जिल्लत में हाल है
हासिल जिसे उरुज था उस पर जवाल है ।
ऐ बद नसीब कौम तुझे कुछ ख्याल है
तू संग नही है रह का अमारत का लाल है ।
तेरे लहू से दश्ते सितम है हरा भरा
दहशत के भेडियों का तेराखूँ हलाल है ।
एहसास पैदा हो गया बरबादी का अगर
शायद यही वो बात है जो नेक फाल है ।
सीने में आपके दिले हस्सास है अगर
अहसन ये जिन्दगी की दरखशाँ मिसाल है ।