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मधेशी वैज्ञानिक डा. इन्द्रदेव साहु जिन्हें मिला है अमेरिकी डालर २,९७,०००.०० का पुरस्कार , प्रस्तुति सुजितकुमार झा

अन्तर्वार्ता : कभी अपने अकादमिक करियर में एक साल बर्बादी से डरते थे अमेरिकन वैज्ञानिक डॉ. साहु
वैज्ञानिक डा. इन्द्रदेव साहु

मधेश के लाल एवं वैज्ञानिक डा. इन्द्रदेव साहु को संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठित नेशनल साइंस फाउन्डेशन (एनएसएफ) ने अमेरिकी डलर २,९७,०००.०० पुरस्कार प्रदान किया है। ये पुरस्कार उनको ‘पोटाशियम चैनल एसेसरी प्रोटीन’ (केसीएनई) के संरचना और गतिशीलता के सम्बन्ध मे विशेष वैज्ञानिक अनुसन्धान हेतु  प्रदान किया गया है। कभी अपने अकादमिक करियर में एक साल बर्बादी से डरते थे मृदुभाषी साहु लेकिन उन्होंने आखिरकार वो कर दिखाया जो हरेक माँ बाप, सखा सम्बन्धी, समाज और देश के लिए गौरव का क्षण होगा।  उनके विचार और सलाह से प्रेरणा मिले इसलिए हमने उनसे कुछ प्रश्न पूछे। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश



आप अपने  जन्म से लेकर अपने बाल्यकाल के बारे में कुछ बतायें। किस गांव में जन्म हुआ ? घर का आर्थिक स्थिति और सामाजिक परिवेश कैसा था , पिताजी – माता जी क्या करते थे ?

मेरा जन्म अकबरपुर, महादेवा -2, सप्तरी गाँव में हुआ था। मैंने अपने गाँव के पास भागवतपुर स्कूल (निम्न माध्यमिक) और बाथनाहा स्कूल (माध्यमिक) से अपनी शिक्षा पूरी की। मेरी माँ गृहिणी थीं। मेरे माता-पिता पढ़े लिखे नहीं थे। मेरे पिता की मृत्यु तब हुई जब मैं सिर्फ ६ साल का था और मेरी दो बड़ी बहनें भी है । मेरा बचपन बहुत संघर्षपूर्ण रहा। उस समय मेरी मां के लिए मेरे परिवार की आर्थिक जरूरत को पूरा करना बहुत मुश्किल था। हालांकि, वह हम सभी को पालने में कामयाब रही। मेरी माँ अनपढ़ थी, लेकिन वह चाहती थी कि मैं शिक्षित होऊँ और मुझे हमेशा पढ़ाई जारी रखने और उच्चतम स्तर की शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।

आपका स्कूली जीवन कैसा रहा ? और कॉलेज में आप कैसा विद्यार्थी रहे ?

मैं स्कूल कॉलेज में बहुत अच्छा छात्र था। मुझे सहानुभूति और प्रोत्साहन मिलता था, और अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने शिक्षकों से मदद मिलती थी। मैंने अपना I. Sc और बी.एससी त्रिभुवन विश्वविद्यालय के राजबिराज कॉलेज से भौतिकी विज्ञान में पूरा किया। । । मुझे इस बात में बहुत दिलचस्पी थी कि हम जैविक समस्याओं के अध्ययन के लिए भौतिकी विज्ञान को कैसे लागू कर सकते हैं। मैं एम एससी की पढ़ाई करने के लिए कीर्तिपुर काठमांडू आया गया और  भौतिकी केंद्रीय विभाग में डिग्री कीया । मैंने अपना  बायोमेडिकल भौतिकी में  M. Sc डिग्री पूरा किया ।

अमेरिका कैसे आना हुआ ? और यहाँ का संघर्ष कैसा रहा ?

मैं 2005 में पीएचडी छात्र के रूप में अमेरिका आया था। मैंने अपना एम.एस. और विद्या वारिधि  2009 में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू यॉर्क (SUNY अल्बानी) से बायोमेडिकल फिजिक्स में पूरा किया।  मैंने  डॉ गैरी लोरिगन के अनुसंधान समूह में अपने पोस्टडॉक्टरल प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए मियामी विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड, ओहियो आ गया। रसायन विज्ञान और जैव रसायन विभाग इसके अलावा मैंने मेम्ब्रेन प्रोटीन अनुसंधान में अधिक शोध अनुभव प्राप्त करने के लिए मियामी विश्वविद्यालय में अपना शोध वैज्ञानिक कार्य जारी रखा। मैंने शिक्षण अनुभव प्राप्त करने के लिए मियामी विश्वविद्यालय में विजिटिंग शिक्षण संकाय के रूप में भी काम किया। मैंने 2019 में कैंपबेल्सविल विश्वविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में प्रवेश लिया। फिलहाल मैं मियामी विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर (ADJUNCT) के रूपमे काम भी कर रहा हूँ ।

जीवन में कोई ऐसी घटना बताएं जो आप पर काफी गहरी छाप छोड़ गया हो ?

मेरे बी.एससी के दौरान जब राजबिराज मल्टीपल कैंपस में अध्ययनरत था तब मेरे बैच के सभी छात्र तीसरे वर्ष में एक मेजर के रूप में भौतिकी विज्ञान का अध्ययन करना चाहते थे। लेकिन त्रिभुवन विश्वविद्यालय ने हमारे शैक्षणिक वर्ष के मध्य में कैम्पस में भौतिकी के प्रमुख कार्यक्रम को चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसलिए हम अपने अकादमिक करियर में एक साल की बर्बादी को लेकर चिंतित थे। हम सब बी.एससी विज्ञान के छात्रों ने कैंपस कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया। तीन दिन तक  की भूख हड़ताल के बाद हमारा एक मित्र भूख के कारण बहुत बीमार हो गया और हर किसी ने उनसे भूख हड़ताल को वापस लेने का अनुरोध किया, लेकिन वह लक्ष्य पर कठोर था  और उस घटना ने तत्पर निर्णय लेने का अधिकार बना दिया और अगले दिन ही  हम सभी को अपना प्रवेश मिल गया। इस घटना ने मेरे जीवन में गहरी प्रेरणा छोड़ दी थी कि हमें धैर्य रखने की जरूरत है और  अपने अधिकार पाने के लिए धैर्यतापूर्वक लगन के साथ संघर्ष करने की जरूरत है।

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आप के जीवन में और कोई उपलब्धियां है , उसे संक्षिप्त में बताएं।

मुझे अपने अकादमिक करियर के दौरान  राजबिराज कॉलेज से कई पुरस्कार / सम्मान मिले हैं। मुझे अपने I Sc  के दौरान नगद राशि और रजत पदक सहित उत्कृष्ट छात्र पुरस्कार मिले हैं। एम एससी के दौरान उत्कृष्ट छात्र पुरस्कार (नकद राशि) भी प्राप्त हुआ। रॉयल नेपाल शैक्षणिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी (RONAST) से थीसिस के लिए  नगद राशि के साथ सम्मान मिला।  अपनी पीएचडी के दौरान, मुझे स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क (SUNY) से टीचिंग असिस्टेंटशिप अवार्ड मिला। मुझे बायोफिजिकल सोसायटी (बीपीएस) सम्मेलन में अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने के लिए इंटरनेशनल  ब्रिजिंग अवार्ड 2020 (नकद राशि) भी प्राप्त हुआ है। मुझे केंटकी एकेडमी ऑफ साइंस (केएएस) से ग्रीष्मकालीन अनुसंधान पुरस्कार 2021 मिला है। मैंने वैज्ञानिक पत्रिकाओं में साठ से अधिक वैज्ञानिक लेख  प्रकाशित किए हैं। मैंने विभिन्न वैज्ञानिक सम्मेलनों / बैठकों बुलेटिन में अस्सी से अधिक शोध सार प्रकाशित किया है।

 

Thanks,

Sujit Kumar Jha
+1-(646) 321-2794



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5 thoughts on “मधेशी वैज्ञानिक डा. इन्द्रदेव साहु जिन्हें मिला है अमेरिकी डालर २,९७,०००.०० का पुरस्कार , प्रस्तुति सुजितकुमार झा

  1. Very nice coverage of excellent scientific achievement of Dr. Indra Dev Sahu. We wish him grand success in Science and Technology. God bless his hard work.

  2. Congratulations to him for receiving this great award and wishing for further progress in your life

  3. indra sir madhesh k loh purush hai our nepal k pratistha hai en k bare me lekh likh kara k yap ne aanebale pidhi k logo ko raste our prerna pradan karne ki kam ki hai esh news likh karke yaap log ne chati gad gad kardeye than u
    dilip

  4. Thanks a lot to Madhes putra.Madhes seeks ur contribution and inspiration in World level. Wish all the best!/

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