कामी को पुजारी बनाकर जातीय बिभेद अन्त करने का उदाहरण
नेपालगन्ज,(बाके) पवन जायसवाल, अगहन २५ गते ।
रुकुम जिला में अभी जातीय बिभेद अन्त करने के लियें नागरिकों ने एकजुट हुयें है ।
जिस के लियें नागरिकों ने रुकुम जिला के गरायला गाबिस–२ स्थित के शिवालय में दो वर्ष से १९ बर्ष के अम्मर कामी को पुजारी बना कर जातीय बिभेद अन्यत्य करने के लियें सामुहिक एकता कायम किया है ।
स्थानीयबासियों के अनुसार गा“वों में जातिय बिभेद हटाने के लियें और सामाजिक सद्भाव कायम रखने कमके लियें गा“व के जमघट से उन को पुजारी बनाया गया है । गा“व में ८० प्रतिशत से अधिक घरधुरी क्षेत्री जातों के रहे है । बि. सं.२०६८ सास अगहन में स्थापना किया गया मन्दिर में वो शुरु से ही पुजारी रहे है ।
गा“व के पास बिभिन्न समय में दैवीशक्ति देखने के बाद उन के ही सरसल्लाह में स्थानीयबासियों ने मन्दिर निर्माण किया था । स्थानीयबासियों के सहयोग में करीब ३ लाख ५० हजार के लगानी में तथा जनश्रमदान में मन्दिर निर्माण किया गया था ।
मन्दिर में दैनिक सुबह और शाम को पूजाआजा करना उन्हों ने स्थानीय क्षेत्री तथा अन्य जात के लोगों को भी पूजाआजा कराना और टीकाटाला लगाना जैसा काम करते आ रहे थे ।
स्थानीय लोकबहादुर बुढाथोकी ने दलित होने बाद भी उन को बेद पुराण लगायत सभी ग्रन्थों का वाचन करने के लियें आना जाना और सभी प्रकार की पूजाआजा संचालन करने के नाते उन को सिवालय की पुजारी बनाया गया है बताया ।