मधेशी एकता समाज द्वारा “मधेश में शिक्षा” विषय पर एकअंतर्क्रिया कार्यक्रम का आयोजन
काठमांडू, 28जुलाई। मधेशी एकता समाज द्वारा मधेश में शिक्षा विषय पर एकअंतर्क्रिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।। मधेशी एकता समाज के संस्थापक डा रविन्द्र यादव द्वारा विषय प्रवेश करवाते हुए मधेश में शिक्षा की हालात और आज के गोष्टी की आवस्यकता के वारे में विस्तृत जानकारी दी गई ।
वक्ता के रूप में श्री संजय पासी ने जातीय हिसाब से भोगी गयी तकलीफ़ के बाबजूद शिक्षा में प्रगति की सराहना की ।
दूसरी वक्ता केरूप में मधेशी अधिकार वादी रीता साह ने मधेश के शिक्षा में महिला की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत किया । उन्होंने कहा कि शिक्षा ने भी लैंगिक विभेद किया है । वेटा बेटी की शिक्षा मे भी विभेद किया गया ।
तीसरा वक्ता के रूप में डॉ सोहन शा ने कई कैंपस के उदाहरण देते हुए शिक्षा की घटती स्तर का जिक्र किया ।
मानव अधिकारवादी मोहना अंसारी ने मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की स्थिति पर अपना विचार रखा। उन्होंने मदरसा और मोलवी के वारे मे अपनी बाते रखी ।
दलित पर विशेष अध्यन किए हुए श्री राम सुफल सहाय ने शिक्षा में मधेशी दलित के पहुंच।के वारे में अपनी बात रखी । उन्होंने सबसे पहले अभिवाबक शिक्षा पर जोर देने की बात कही ।
अगला वक्ता के रूप में डा प्रमोद मिश्रा ने जातीय और भाषीय भेदभाव का चर्चा किया ।उन्होंने मधेश समस्या को बिहार से जोरकर हल का करने का सलाह दिया।
शिक्षा विशेषज्ञ डा विनय कुमार कुसवैत ने संविधान में ही त्रुटि होने की बात कही। संघ और प्रदेश में शिक्षा संबंधी भेदभाव बरकरार होने का जिक्र किया। वक्ताओ ने मातृभाषा मे शिक्षा एक जटिल समस्या पर जोड़ दिया।
तीन घण्टा तक चले प्रोग्राम का संचालन राकेश मिश्रा ने किया तो धन्यवाद ज्ञापन बॉबी सिंह यादव ने की।