Fri. Mar 29th, 2024

हांल ही में सम्पन्न संविधानसभा के निर्वाचन में महोत्तरी क्षेत्र नं. ४ के विजयी स्वतन्त्र उम्मेदवार चन्देश्वर झा को उनकर्ीर् इमान्दारी का भरपूर इनाम प्राप्त हुआ, जब उन्होंने उस क्षेत्र के बांकी ४६ उम्मेदवारों की जमानत जफ् त कराते हुए खुद को विजयी पाया। लेकिन वे एक थप कर्ीर्तिमान रखते-रखते चुक गए। क्योंकि अभी उन्हें ३०६२ मत प्राप्त हुआ है, अगर उनको इससे २० मत कम मिलते तो उनकी भी जमानत जफ्त हो जाती। कूल सदर मतका दस प्रतिशत मत प्राप्त नहोने पर जमानत जफ्त होने का प्रावधान है। इस नियम के अनुसार उस क्षेत्र में प्राप्त सदर मत ३०४२४ का दस प्रतिशत अर्थात् ३०४३ मत जमानत बचाने के लिए प्राप्त करना ही चाहिए। यदि झा को ३०४२ मत मिलता तो वे विजयी तो होते मगर उनकी जमानत जफ्त हो जाती। उनके निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सद्भावना पार्टर्ीीी सरिताकुमारी साह को २९२७ मत प्राप्त हुए। साह लगायत बांकी सभी की जमानत जफ्त हो गई। विजयी चन्देश्वर झा इस माने में भाग्यशाली हैं कि बहुत कम मत से वे विजयी हुए, और इस माने में भाग्यहीन कहला सकते हैं कि वे नयाँ रर्ेकर्ड बनाते- बनाते चुक गए। फिर भी इनका एक रर्ेकर्ड है, मधेश में सब से कम मत प्राप्त करके भी वे विजयी हुए हैं, यह भी एक ऐतिहासिक जीत है। मगर असली मुद्दे की बात यह है कि झा की पृष्ठभूमि एक इमान्दार समाजसेवी की रही है। इसी के बदौलत उन्हें जनता की तरफ से स्वतन्त्र उम्मेदवार के रूप में खडे होने का अवसर मिला। हालां कि शरदसिंह भण्डारी की पार्टर्ीीाष्ट्रिय मधेश समाजवादी से टिकट की आश लगाए बैठे थे। लेकिन स् वतन्त्र उम्मेदवार के रूप में विजय दिला कर उनके कंधे पर जनता ने और बडÞी जिम्मेदार ी दी है।





About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: