Mon. Jan 13th, 2025

चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए

चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए। अगर चंद्रमा को देख लिया तो झूठा कलंक लग जाता है। उसी तरह जिस तरह से श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का लगा था। लेकिन अगर चंद्र को देख ही लिया तो कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या विद्वानजनों से सुनने पर गणेश जी क्षमा कर देते हैं। हां, इसके साथ ही हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है।

यह भी पढें   चीनी यात्री ह्यान-सेंग ने 600 ईसवी के प्रयागराज महाकुंभ में किया था संगम स्नान

तरह-तरह की मनोकामना पूरी करने के लिए विनायक कई उपाय बताते हैं। अगर आपको प्रतिकूल परिस्थितियों को रोकना है तो गणेश जी की पीली कांतिवाले स्वरूप का ध्यान करें। परिस्थितियों को अनुकूल करने के लिए गणेश के अरुण कांतिमय स्वरूप का मन ही मन ध्यान करें। अच्छी सेहत के लिए लाल रंग वाले गणेश का ध्यान करना चाहिए। जिनको धन पाने की इच्छा हो उन्हें हरे रंग के गणेश की पूजा करनी चाहिए। हां, जिन्हें मोक्ष प्राप्त करना है उन्हें सफेद रंग के गणेश की पूजा करनी चाहिए। तीनों समय गणपति का ध्यान और जाप अवश्य करें।

यह भी पढें   नेपाल-भारत वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठक काठमांडू में शुरू

इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करके—‘विघ्नानि नाशमायंतु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं में सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि’, से प्रार्थना करें। संभव हो तो 21 जड़ी-बूटियां भी गणेश को अर्पित करें। गणेश को अर्पित किया गया नैवेद्य सबसे पहले उनके सेवकों—गणेश, गालव, गार्ग्य, मंगल और सुधाकर को देना चाहिए। चंद्रमा, गणेश और चतुर्थी माता को दिन में अर्घ्य अर्पित करें। संभव हो तो रात्रि में विनायक कथा सुनें या भजन करें।

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
%d bloggers like this: