दुनिया के पहले इंजिनियर भगवान विश्वकर्मा
काठमांडू, १७ सितंबर ।
आज आश्विन १ गते यानी विश्वकर्मा पूजा हर साल मनाया जाता है । एक तरह से कहें तो अब शुरु हो गया है त्योहारों का मौसम । हर त्योहार की अपनी अपनी विशेषता है । हरेक पर्व त्योहार मनाने के पीछे धार्मिक ,सांस्कृतिक, सामाजिक, साथ ही उस पर्व त्योहार के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी होते हैं ।
हमारी आस्था और विश्वास है पूजा अराधना । हम हिन्दू पूजापाठ में विश्वास करते हैं । हर दिन किसी न किसी खास भगवान की पूजा अराधना हम श्रद्धा और भक्ति के साथ करते हैंं ।
आज हम सभी विश्वकर्मा पूजा मना रहें हैं । आज के दिन खासकर कल –कारखानों में बहुत ही उमंग उत्साह के साथ मनाया जाता है यह त्योहार । मशिनों के साथ ही पार्टपूर्जा की पूजा की जाती है ।
कहते हैं आश्विन १ गते भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिन है । इसी कारण से यह पूजा की जाती है । हिन्दु संस्कृति में विश्वकर्मा को यन्त्र का देवता माना गया है । प्राचीन समय में स्वर्ग लोक, लंका, द्वारिका, हस्तिनापुर आदि स्थानों को भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था । आज के समय के वो इंजिनियर थे । उन्हें दुनिया का पहला इंजिनियर माना गया है ।आज जैसे इंजिनियर घर, कल कारखाना, मशिन , औजारों का निर्माण करते हैं उस वक्त ये सभी काम भगवान विश्वकर्मा किया करते थे । इसलिए उन्हें हिन्दू धर्म निर्माण और सिर्जना का देवता माना जाता है । कहते हैं आज के दिन जिन वस्तुओं का आप प्रयोग करते हैं उन सभी की पूजा अर्चना की जाती है जैसे– कल कारखाने में उपयोग में लाने वाले मशीनों , कार, मोटर साईकिल, मोबाइंल, कम्प्यूटर, मोटर, मिल , जिते सामान है सभी की पूजा करते हैं ।
आज के दिन बहुत जगहों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है । फल फूल लेकर पूजा आरती की जाती है तथा प्रसाद वितरण होता है ।