निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवार और जनप्रतिनिधियों पर लगाया जुर्माना
काठमांडू, १७ सितंबर
निर्वाचन आयोग ने स्थानीय तह निर्वाचन में हुए खर्च का विवरण नहीं देने वाले १ लाख २३ हजार ६२४ उम्मीदवारों पर ५० हजार से लेकर ७ लाख तक का जुर्माना करने का निर्णय लिया है । जो यह जुर्माना नहीं भरेंगे वो अगले ६ वर्ष तक कोई भी निर्वाचन में भाग नहीं ले सकते हैं ।
मंसिर ४ गते को होने वाली प्रतिनिधिसभा और प्रदेशसभा निर्वाचन में उम्मीदवार होने से रोकने के लिए आयोग ने ७७ जिलों के निर्वाचन कार्यालय में विवरण भेजने का निर्णय किया है । जिला कार्यालय ने जुर्माना देने वालों व्यक्तियों का नाम स्थानीय तह, जिला प्रशासन कार्यालय, जिला प्रहरी कार्यालय, मालपोत कार्यालय और नापी कार्यालय सभी जगहों पर सभी लोग देख सकें ऐसी जगह में चिपकाने का आयोग ने निर्देशन दिया है ।
आयोग ने शुक्रबार को हुई बैठक में मत परिणाम सार्वजनिक होने के ३० दिन के भीतर खर्च विवरण नहीं बताने वालों और देरी से देने वालों को निर्वाचन के समय में निश्चित खर्च के सीमा अनुसार जुर्माना निर्धारण किया है । आयोग ने पाँच महानगरपालिका के प्रमुखों को साढे ७ लाख रुपया जुर्माना किया है । निर्वाचन आयोग ऐन के दफा २६ में रखे गए अवधि में खर्च विवरण पेश नहीं करने वाले राजनीतिक दल और उम्मीदवारों को खर्च आयोग ने निर्धारण किए गए खर्च से जितना ज्यादा हुआ है उसीके बराबर का जुर्माना देने का प्रावधान किया गया है । इसके अनुसार खर्च विवरण नहीं देने वाले और देरी से देने वाले महानगरपालिका प्रमुख और उपप्रमुख ७ लाख ५० हजार, वडाध्यक्ष, वडा सदस्य, महिला सदस्य, दलित और अल्पसंख्यक सदस्य ३ लाख, उपमहानगर प्रमुख और उपप्रमुख ५ लाख ५० हजार, वडा सदस्य, महिला सदस्य, दलित, अल्पसंख्यक सदस्यों को २ लाख ५० हजार जुर्माना देना पड़ेगा । आयोग के प्रवक्ता शालिग्राम पौडेल ने इस बात की जानकारी दी है ।
आयोग द्वारा निश्चित हुआ जुर्माना यदि ६ महिना तक नहीं दिया गया तो सभी राजनीतिक दल या उम्मीदवारों पर आयोग तत्काल ही लागू होगी कि वो ६ वर्ष तक किसी भी निर्वाचन में भाग नहीं ले कसते हैं तथा उम्मीदवार अयोग्य है यह घोषित करने का भी उल्लेख किया है । ऐन में कहा गया है कि – जुर्माना यदि ६ महिना तक नहीं दिया गया तो राजनीतिक दल या कोई भी उम्मीदवार को आयोग तत्काल ही लागू होगीे वो ६ वर्ष तक किसी भी निर्वाचन में भाग नहीं ले सकेंगे और उन्हें अयोग्य धोषित किया जाएगा । इस तरह के व्यक्ति यदि निर्वाचित होते हैं तो उनका निर्वाचन स्वतः बदर हो जाएगा ।