मर्चवार क्षेत्र की आमूल परिवर्तन हेतु बौद्धिक वर्ग हुए संगठित
रूपन्देही, 2022 सितम्बर 20 (मर्चवार संवाददाता)/
पिछडी मानी जानेवाली मधेशी बाहुल्य इलाका मझंगावा में सर्वांगीण विकास और बुद्धिजीवियों के सकारात्मक प्रयासों के मुख्य नारे के साथ बुद्धिजीवियों की आम सभा हुई ।
मर्चवार क्षेत्र के उच्च बुद्धिजीवियों के एक सम्मेलन में भाग लेने वाले अधिकांश वक्ताओं ने कहा कि उचित मार्गदर्शन के अभाव में वह क्षेत्र में व्याप्त सामाजिक, शैक्षिक अन्याय और विषमताएँ समाप्त नहीं हो पाई हैं । यह निष्कर्ष निकाला गया कि ऐसा नहीं हो सकता। सुधार आवश्यत है । कार्यक्रम में भाग लेने वाले बुद्धिजीवियों ने चिंता व्यक्त की कि वहां की शैक्षिक गुणवत्ता का राष्ट्रीय स्तर पर दस्तावेजीकरण व स्तरीकरण नहीं किया गया है । इस का वजह वही के लोगों की है, लोगों ने कहा ।
उनमें से अधिकांश की राय थी कि उन्हें अपने निजी और व्यक्तिगत हितों को छोड़ देना चाहिए और जातिवाद और संकीर्णता से ऊपर उठकर शिक्षा और समाज के क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए सकारात्मक और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
संविधान दिवस के अवसर पर सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में मर्चवार के स्थानीय बुद्धिजीवियों द्वारा आयोजित सर्वांगीण विकास के लिए बौद्धिक संगठन बनाने की आवश्यकता पर आम सभा एवं संवाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ।
सभा ने कलामुद्दीन अंसारी की अध्यक्षता में मर्चवार बौद्धिक समाज-नेपाल (मिशन) की 9 सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया। संगीता गुप्ता संगठन की उपाध्यक्ष हैं, महेश प्रसाद गुप्ता सचिव हैं, रमेश कुर्मी सह-सचिव हैं, शिवनंदन जयसवाल कोषाध्यक्ष हैं और रंजना साहनी सह-कोषाध्यक्ष हैं। इसी तरह कुमारी सुमित्रा तेली, नरभूपाल यादव और रामसरन यादव को संगठन का सदस्य चुना गया है ।
मिशन के सलाहकार के रूप में सामान्य बैठक डा. समीद अहमद, संतलाल राजभर, मोल्हू जायसवाल प्रतीक, श्रीओम साहनी, तीरथ विश्वकर्मा, अमरनाथ यादव, विनोद कुमार बरई, पप्पू प्रसाद यादव, नंदलाल कुर्मी, अमित गुप्ता आदि का चयन किया गया है ।
प्राध्यापक शिवनंदन जायसवाल को मिशन की संस्था की विधान मसौदा समिति के समन्वयक के रूप में चुना गया है, जबकि महेश प्रसाद गुप्ता और कलामुद्दीन अंसारी को सदस्य के रूप में चुना गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम के संयोजक कलामुद्दीन अंसारी ने की और स्वागत भाषण राम सरन यादव ने दिया । दीपेंद्र यादव ने कार्यक्रम की समीक्षा की और कुमारी सुमित्रा तेली ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक शिवनंदन जयसवाल ने किया।