मधेश में सवसे अधिक मत से जीतने वाली सुरीता बनी बागी उम्मीदवार
जनकपुरधाम /मिश्री लाल मधुकर । लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के बरिष्ठ नेत्री तथा पूर्व संघीय राज्य मंत्री निवर्तमान प्रदेश सांसद बागी वनकर महोतरी दो “ख” स्वतंत्र से चुनाव लड़ रही हैं। मधेशवादी दल में फायर बिग्रेड नेत्री रुप में चर्चित सुरीता साह को लोसपा ने टिकट नहीं दिया है।
पिछले चुनाव में पूरे मधेश में सवसे अधिक मत से जीती थी।
उन्होंने राज करण प्रसाद साह को 8943 मतो से हराया था। तव कुछ दिनो तक मुख्यमंत्री बनने तक की कयास लगाया जा रहा था लेकिन उसे मुख्यमंत्री तो दूर मंत्री तक नहीं शामिल किया गया।
बिहार मधुबनी की बेटी सुरीता साह स्नातकोत्तर की हैं। दोनो मधेश आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए। वे हिन्दी को संपर्क भाषा के लिए सदैव प्रयत्नशील हैं। जन्मसिद्ध नागरिक के संतान को बंशज नागरिकता, भारतीय बेटी को शादी के बाद तुरंत नागरिकता के लिए सदैव लड़ती रही है। वे अन्य नेत्री की तरह जन्म भूमि नहीं छिपाती है। गर्व से कहती है कि मैं भारत की बेटी हूं।
सुरीता साह को टिकट से बंचित करने पर लोसपा के नेता तथा हिन्दी भाषा अभियानी रमन पांडेय ने जोरदार बिरोध किया है। उन्होंने कहा हैं कि इस पार्टी में सुरीता साह को टिकट से बंचित करना मधेश के लिए बहुत ही अनुचित है। महंथ ठाकुर, शरत सिंह भंडारी ने लोसपा के अहित में काम किया है। 33बर्षो तक मधेश के लिए लड़ने वाले हमें पार्टी ने टिकट से बंचित किया। क्या कारण हैं चंदा चौधरी जैसे महंथ ठाकुर के विश्वास पात्र नेत्री लोसपा छोड़कर नेपाली कांग्रेस का दामन थाम लिए है। पूर्व संघीय राज्य मंत्री अरविंद साह पूर्व मेयर अजय गुप्ता जैसे कई नेता एमाले सहित अन्य पार्टी का दामन थाम लिए हैं। पार्टी के बरिष्ठ नैताओं को इस पर गहन चिंतन करना होगा।