अवधि लोक कला, संस्कृति पर संग्रहालय बनानेपर जोड
नेपालगन्ज , (बाँके) पवन जायसवाल, चैत २४ गते ।
अवधि लोक कला, संस्कृति को एकीकृत करके संग्रहालय बनाने के लिये एक कार्यक्रम में जोड दिया गया।
नेपाल ललितकला प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सहयोग में अवधी पत्रकार संघ बाँके और जनसेवा सामाजिक परिषदद्धारा चैत्र २४ गते आयोजित अवधी लोक कला ‘अवस्था और आवश्यकता ‘ विषयक गोष्ठी में सहभागियों ने नई पुस्ता के लिये ऐतिहासिक धरोहर के रुप में स्थापित करने के लियें बताया ।
उन लोगों ने अवधी भाषा, लोक कला संरक्षण तथा सम्बद्र्धन के लिये अपने से ही शुरुआत करने के लियें कहते हुयें परम्परागत अवधी लोक संस्कृति संरक्षण के अभाव में लोप होत जा रहा है बताया ।
सहभागियों मे अवधी अगुवाओं ने अवधी समुदाय के पुरानी परम्परागत रितीरिवाज, संस्कृति कला के जगाह में आधुनिकता की प्रयोग अधिक होने के नाते उस के सम्बद्र्धन के लियें हम सभी लोगों को आगे बढने के लियें बताया ।
जिला के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र में अवधी भाषा, कला सम्बन्धी जागरण सञ्चालन करने के सहभागियों ने सुझाव देते हुये अवधी पाठयक्रम परिमार्जित करके तत्काल लागू करने के लिये बताया ।
कार्यक्रम में अवधी लोक कला विषय में अवधी सहित्य तथा कलाकार श्यामानन्द सिंह, ओमप्रकाश शर्मा, अवधी सा“स्कृतिक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विष्णुलाल कुमाल और चित्रकार आशाराम मौर्य ने अवधारणा पत्र– प्रस्तुत किया था । प्रस्तुत अवधारणा पत्र के उपर सहभगिों ने अपना– अपना विचार ब्यक्त करते हुये सुझाव भी दिए थे ।
अवधी पत्रकार संघ के महासचिव राकेशकुमार मिश्र के सभापतित्व में सम्पन्न कार्यक्रम में प्रतिष्ठान के विक्रममणि त्रिपाठी, प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी पन्नालाल गुप्त, नेपाल पत्रकार महासंघ बा“के अध्यक्ष रुद्र सुवेदी, अवधी पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुर्यलाल यादव, पत्रकार अजय गुप्ता, पवन जायसवाल, भेरी एफ, एम. नेपालगन्ज के प्रमुख आरीफ अन्सारी, शकील अहमद खान, कलाकार हारुन अली, रेडियो हिमाल के कचेहरीलाल वर्मा, अवधी सा“स्कृतिक विकास परिषद् बा“के के अध्यक्ष एवं सहित्यकार सच्चिदानन्द चौवे, रामफेरन वर्मा, सृजन लम्साल, डा. आनन्द बहादुर कर्माचार्य लगायत लोगों ने अपना अपना विचार रक्खा था ।
कार्यक्रम की संञ्चालन परिषद के कृपाराम वाडिया और अवधी पत्रकार संघ के अधयक्ष सूर्य लाल यादव ने किया था ।