Fri. Dec 1st, 2023

अब आम लोग भी देख सकेंगे कोहिनूर हीरा को

लंदन, पीटीआई।



जिस कोहिनूर हीरा को लेकर भारत हमेशा से दावा करता आया है, वह अब विजय के प्रतीक के तौर पर टावर ऑफ लंदन में प्रदर्शित किया जाएगा। इसे शुक्रवार से आम लोगों के देखने के लिए खोला जाएगा। ब्रिटेन में राजघराने के बाकी क्राउन ज्वेल्स के साथ कोहिनूर को भी शामिल किया जाएगा।

ब्रिटेन के महलों का प्रबंधन करने वाली संस्था हिस्टोरिक रायल पैलेस ने कहा कि कोहिनूर को प्रदर्शित करने के साथ ही कई वीडियो और प्रेजेंटेशन्स के जरिए इसका इतिहास भी बताया जाएगा। कई सामानों और वीडियो के इस्तेमाल से बनी प्रेजेंटेशन में कोहिनूर के पूरे सफर को दिखाया जाएगा।

यह भी पढें   नेपाल में पूँजी परिचालन करने के लिए प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमिरात के लगानीकर्ताओं से किया आग्रह

इसमें ये भी बताया जाएगा कि कैसे ये अपने पिछले सभी मालिक जैसे मुगल सम्राट, ईरान के शाहों, अफगानिस्तान के शासक और सिख महाराजा के लिए विजय का प्रतीक रहा है। गौरतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के इस बेशकीमती हीरे वाले मुकुट को नए महाराजा चा‌र्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला ने पहनने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इसे शाही खजाने में रख दिया गया है।

कोहिनूर हीरा अविभाजित पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के खजाने में था। रणजीत सिंह की मौत के बाद 1839 में हीरा उन बेटे दिलीप सिंह को उत्तराधिकारी के रूप में सौंपा गया। 1849 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर कब्जा कर लिया। इस कब्जे के साथ ही सिख साम्राज्य पर न सिर्फ ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रभुत्व हो गया, बल्कि दुनिया का सबसे मशहूर हीरा कोहिनूर भी उसे मिल गया।

यह भी पढें   संघीयता किसी के दहेज में नहीं आया है – अर्थमन्त्री यादव

कब्जा करने के एक साल बाद यानी 1850 में इसे बकिंघम पैलेस में महारानी विक्टोरिया के सामने पेश किया गया। वहां कोहिनूर हीरे को मुकुट में जड़वाकर पहना गया। कहा जाता है कि मुकुट में जड़वाने के दौरान कारीगरों ने हीरे को तराशकर छोटा कर दिया। बावजूद इसके कोहिनूर दुनिया में सबसे बड़े हीरों में से एक माना जाता है।



About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: