भारत के नए संसद भवन का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज होने जा रहा है भव्य लोकार्पण
नई दिल्ली




भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक भव्य कार्यक्रम में नए संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे।इस दौरान नए संसद भवन में उस ऐतिहासिक और धार्मिक सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा जो अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तातंरण के प्रतीक के रूप में पंडित जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था।करीब 32 साल पहले देश ने नए संसद भवन का जो सपना देखा था, वह अब पूरा हो गया है। नया संसद भवन बनकर तैयार है। ढाई साल में तैयार हुआ यह भवन हाईटेक होने के साथ ही भारतीय कला और संस्कृति से सुसज्जित है।
नए भवन के इस उद्घाटन मौके पर संसद के दोनों ही सदनों के सदस्यों के साथ ही देश की प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि, कांग्रेस सहित दूसरे कई विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया है। नया भवन पुराने संसद भवन परिसर में ही बनाया गया है।
नया संसद भवन अपनी नई खासियतों के साथ ही पुराने भवन के मुकाबले काफी बड़ा है। माना जा रहा है कि इस मौके पर पीएम नए संसद भवन को कोई नया नाम भी दे सकते हैं। सेंट्रल विस्ट्रा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, नई संसद की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी क्योंकि जो मौजूदा भवन है, उनमें सांसदों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
मालूम हो कि यह सोच सबसे पहले 1991-92 के दौरान तब आया, जब पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने संसदीय कार्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को बुलाकर इस दिशा में विचार करने के लिए कहा था।इसके बाद सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा भी हुई। उसमें कहा गया कि रोक के चलते वर्ष 2026 तक संसद के सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ने जा रही है, ऐसे में अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है। 2026 नजदीक आने पर सोचा जाएगा। सूत्रों की मानें तो मौजूदा सरकार ने भी 2026 के बाद होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए ही नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दी थी।
