चीन में जारी है कोरोना का कहर जून महीने में कोरोना से 239 लोगों की मौत की पुष्टि
बीजिंग

दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप भले ही खत्म होने की बात की जा रही हों. लेकिन कई देशों में अभी भी इसका खतरा बरकरार है. कोराना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले चीन की बात करें तो वहां कोविड-19 से मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. हालांकि चीन ने अधिकांश रोकथाम उपायों को हटा लिया हैं. इसके बाद अब जून माह में कोरोना से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने जून माह में 239 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है जोकि पिछले 3 माह में सबसे ज्यादा मौतों के रूप में रिकॉर्ड होने वाला महीना बना है.
चीन ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पूर्व में कई सख्त नियमों को लागू किया गया था. लेकिन पिछले समय अधिकांश रोकथाम उपायों को हटा दिया गया था. इनके हटने के बाद जून माह में मौतों के आंकड़ों में बड़ी बढ़ोत्तरी 239 दर्ज की गई है. चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का कहना है कि मई में 164 मौतों की सूचना थी और अप्रैल और मार्च में एक भी मौत नहीं हुई थी.
चीन ने 2020 की शुरुआत में जीरो कोविड रोकथाम रणनीति को अपनाना शुरू कर दिया था. लोगों की जान बचाने के लिए खासतौर पर सख्त लॉकडाउन, क्वारेंटाइन, सीमा बंदी और अनिवार्य सामूहिक परीक्षण ही महत्वपूर्ण रहे हैं. लेकिन दिसंबर में थोड़ी तैयारियों के बाद उपायों में ढील देते हुए उनको हटा लिया गया जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित मामलों में अंतिम बड़ा उछाल आया था जिसमें करीब 60,000 लोग मारे गए थे. चीनी सीडीसी के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी में मौतें चरम पर थीं, जो 4 जनवरी को 4,273 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं थीं, लेकिन फिर 23 फरवरी को धीरे-धीरे घटकर शून्य हो गईं.
चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि क्या उन्हें यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है या क्या वे निवारक उपायों को बहाल करने की सिफारिश करेंगे.
जून में दो मौतें संक्रमण के कारण श्वसन विफलता से हुईं थी जबकि सीडीसी ने कहा कि अन्य में अंतर्निहित स्थितियां शामिल थीं. इनमें मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अन्य पुरानी बीमारियां शामिल हो सकती हैं. चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 3 जनवरी, 2020 और 5 जुलाई, 2023 के बीच कोविड-19 (COVID-19) के 99,292,081 पुष्ट मामलों और 121,490 मौतों की सूचना दी है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि चीन में शायद आधिकारिक टोल से कहीं अधिक लाखों लोग मारे गए होंगे. लेकिन फिर भी संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप की तुलना में मृत्यु दर काफी कम है.
