ब्रह्माचारिणी जय जग माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
ब्रह्माचारिणी जय जग माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
ब्रह्म मंत्र जप ध्यान तुम्हारा।
दिव्य ज्ञान है मां को प्यारा।।
ब्रह्म मंत्र जप विश्व तुम्हारा।
तुमसे व्यापक जग संसारा।।
ब्राह्मणी तू वेद की माता।
नवरातर में तुमको ध्याता।।
राधाकान्त तव द्वारे आया,
सबके खातिर आस लगाया।
सबको तुमसे मिले सहारा,
जो भी तेरा दर्शन पाया।।
कर में माला साथ तुम्हारे।
राधाकान्त तव मंत्र पुकारे।।
ब्रह्माचारिणी पावन नामा।
पुरन कर दो सब सबके कामा।।
राधाकान्त तव चरण पुजारी।
मेरो लाज रखो महतारी।।
राधाकान्त के अरज तुम्हारी।
पूजन व्रत हो सिद्ध हमारी।।
तेरे द्वारे जो भी आए।
सब सुख वैभव तुझसे पाए।।
*राधाकान्त करे गुणगाना।*
*सबका सुख सौभाग्य बनाना।।*
*करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:!!
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*नवरात्र के व्रत पूजन से माता ब्रह्मचारिणी सर्व व्यापिनी, सर्व शक्तिशालिनी, विंध्यवासिनी अपने सच्चे भक्तो को उत्तम आयु, आरोग्यता, सुख सौभाग्य, कर्म आजीविका धन वंश संपदा, सुख ऐश्वर्य से परिपूर्ण रखें।*
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*हरि ॐ गुरु देव*
*!!ज्योतिषाचार्य!! आचार्य राधाकान्त शास्त्री*
*????शुभम बिहार यज्ञ ज्योतिष कार्यालय????*
*विशेष संपर्क:-*