शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि शुभ योग
काठमांडू १६ ओक्टुबर

साल के प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है. इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो चुकी है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगा. कहा जाता है नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के बीच रहती हैं. लेकिन नवरात्रि की अष्टमी तिथि और नवमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक अष्टमी तिथि के दिन जगत जननी आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा आराधना होती है. कहते हैं, ऐसा करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर रात्रि 9:53 से शुरू होकर 22 अक्टूबर शाम 7:58 पर समाप्त होगा. हालांकि उदया तिथि के मुताबिक 22 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. इस साल शारदीय नवरात्रि के अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, करण योग, भद्रावास योग का निर्माण भी हो रहा है.
सर्वार्थ सिद्धि योग
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योग का बन रहा है. इस योग की शुरुआत अष्टमी तिथि के दिन सुबह 6:26 से शुरू होकर संध्या काल 6:44 तक रहेगा. इस समय माता रानी की पूजा आराधना करने से सभी सिद्धि की प्राप्ति होती है.
रवि योग
ज्योतिष गणना के मुताबिक शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि के दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. यह योग शाम 6:44 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6:26 पर समाप्त होगा. इस दौरान माता रानी की पूजा-उपासना करने से सभी शुभ कार्य संपन्न होते हैं.करण योग
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन करण योग का निर्माण हो रहा है, जो अति शुभ माना जाता है. इस योग में पूजा आराधना करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
भद्रावास योग
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर भद्र वास योग भी बन रहा है. हालांकि यह योग सुबह 8:58 तक ही रहेगा. इस योग में पूजा आराधना करना काफी कल्याणकारी माना जाता है.