आज तिहार का चौँथा दिन..एक ही साथ गोवर्द्धन,बली,बैल और हल की पूजा
काठमांडू, २८ कात्तिक – यमपञ्चक अर्थात् तिहार का आज चौँथा दिन । तीहार का बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है आज । एक ही गोवर्द्धन पर्वत, बली, बैल और हल की पूजा की जाएगी । आज के दिन लोग अपने घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं सभी को खिलाते हैं ।
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन इस पर्व को मनाया जाता है । आज के दिन घर आँगन साफ सफाई कर गाय के गोबर से पर्वत बनाकर उसे गोवर्द्धन पर्वत मानकर पूजा किया जाता है ।
द्वापर युग में भगवान् श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत को अपनी अँगूली पर उठा लिया था और गोकुलवासी को मुसलाधार वर्षा से बचाया था । इसी को याद कर गोवर्द्धन पर्वत की पूजा का प्रचलन आया है ।
इसी तरह आज ही के दिन बली, हल और बैल की भी पूजा की जाएगी । कहते हैं भगवान् विष्णु ने राजा बली को यमपञ्चक के पाँच दिन मत्र्यलोक पर शासन करने का अधिकार दिया था जिसे लोग आज भी मानते हैं और इस अवसर पर बली को याद कर उनकी पूजा करते हैं ।
इसलिए तीहार के समय जो देउसी और भैलो में गीत गाया जाता है उसमें एक पंक्ति ‘हामी त्यसै आएनौँ बली राजाले पठाए’ कहकर लोग गाते है ।
नेपाल एक कृषि प्रधान देश है । यहाँ के जन जीवन में खेती किसानी है । वर्षभर हम खेती किसानी करते हैं । गाय बैल जो इसमें हमारी सहायता करते हैं । वैसे भी हम मानव उनके प्रति बहुत सम्मान रखते हैं । आज के दिन बैल और हल की पूजा करते हैं ताकि सदैव उनका साथ रहे । आज के दिन तरह तरह के पकवान बनाकर उन्हें खिलाते हैं ।