कोप–२८ में सहयोग की याचना नहीं, अधिकार की बातें रखनी है– प्रधानमन्त्री

काठमांडू, २ मंसिर – प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्रसंघीय संरचना महासन्धि के पक्ष राष्ट्रों के २८वें सम्मेलन (कोप–२८) में जलवायु परिवर्तन से नेपाल में हुए असर के बारे में स्पष्ट बात रखेंगे ।
नेपाल पर्वातरोहण संघ द्वारा आज सोलुखुम्बु के सगरमाथा आधार शिविर, कालापथ्थर में आयोजन किए गए शान्ति दीप हस्तान्तरण तथा झण्डोत्तोलन कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए उक्त सम्मेलन में प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि कोप २८ सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के असर न्यूनीकरण के लिए सहयोग से भी ज्यादा हम अधिकार के विषय को प्राथमिकता के साथ उठाएंगे । जिस काम को हमने किया ही नहीं है उसका मूल्य हम नहीं चुकाएंगे, जिसने कार्बन उत्सर्जन में कमजोरी किया है उसे हमारे अधिकार के रुप में जलवायु कोषमार्फत क्षतिपूर्ति देना पड़ेगा । प्रधानमन्त्री प्रचण्ड ने कह कि “कोप–२८ में नेपाल सहयोग की याचना नहीं करेगा वरन हमें हमारा अधिकार चाहिए कहेगा । साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हमने यह मांग के रुप में नहीं, वरन अधिकार के रुप में रखने की तैयारी की है ।



मंसिर १४ से २६ गते तक संयुक्त अरब इमिरेट्स (यूएई) के दुबई में कोप–२८ सम्मेलन होने जा रही है । प्रधानमन्त्री प्रचण्ड के प्रमुख आतिथ्य में होने जा रहे इस सम्मेलन में राष्ट्रीय अनुकूलन योजना के विस्तृत रुप, राष्ट्रीय निर्धारित योगदान में आधारित कार्यान्वयन योजना और कोप–२८ के एजेण्डा के बारे में चर्चा की जाएगी ।