पशुपति के पूर्वसदस्य सचिव थापा तीन लाख जमानत पर हुए रिहा
काठमांडू, पुष २७ – पशुपति में सोने का जलहरी चढ़ाने में भ्रष्टाचार होने के मुद्दें में प्रतिवादी बने ड‘ा. मिलनकुमार थापा जमानत पर में रिहा हुए हैं । विशेष के न्यायाधीशद्वय खुसीप्रसाद थारु और रामबहादुर थापा के इजलास में यह आदेश दिया गया है ।
थापा बुधवार विशेष में उपस्थित होकर निवेदन लेने आए था । दोनों पक्ष के बहस के बाद विशेष ने उन्हें तीन लाख जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया । विशेष के प्रवक्ता धनबहादुर कार्की ने जानकारी दी है ।
पशुपति क्षेत्र विकास कोष के पूर्वकोषाध्यक्ष तथा सदस्य सचिव थापा समेत जलहरी निर्माण क्रम में सोना का परिमाण तथा गुणस्तर में अनियमितता है । इसको लेकर मुद्दा दायर किया गया था । थापा सहित तत्कालीन सदस्य सचिव डॉ प्रदीप ढकाल और स्टोरकिपर अरुण कुमार श्रेष्ठ समेत इस मुद्दा में प्रतिवादी है ।
अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग ने इसी वर्ष १४ असोज में पशुपति के जलहरी में भ्रष्टाचार हुआ है । इसे लेकर मुद्दा दायर किया था । एक हजार ४ सौ ९१ ग्राम ७१८ मिलिग्राम सोना भ्रष्टाचार होने का दाबा अख्तियार ने किया है ।