पार्टी सदस्यों से झूट बोलकर पार्टी अध्यक्ष बन गए चौधरी !

काठमांडू, १३ जनवरी । नागरिक उन्मुक्ति पार्टी की प्रथम महाधिवेशन से रेशमलाल चौधरी सर्वसम्मत पार्टी अध्यक्ष बन गए हैं । टीकापुर हत्याकाण्ड में दोषी ठहर चौधरी कानूनतः पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं या नहीं ? यह प्रश्न विचाराधीन था । ऐसी ही पृष्ठभूमि में आयोजित महाधिवेशन में चौधरी ने पार्टी सम्बन्ध नेताओं से कहा था कि इस विषय को लेकर उन्होंने निर्वाचन आयोग के साथ विचार–विमर्श की है और पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए कोई भी व्यवधान नहीं है ।
पार्टी अध्यक्ष चयन होने के बाद पार्टी के पदाधिकारी गण कहने लगे हैं कि चौधरी ने पार्टी को ही गुमराह में रखा है । इधर निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने भी कहा है कि उन्होंने आयोग के साथ कोई भी विचार–विमर्श नहीं की है । कहा जाता है कि उनकी पत्नी तथा निर्वतमान अध्यक्ष रंजीता श्रेष्ठ चौधरी भी इस बात को लेकर असन्तुष्ट हैं । विशेषतः २५ सदस्यीय कार्य समिति में रंजीता को कोई भी स्थान नहीं दी गई है । इसीलिए वह महाधिवेशन स्थल को छोड़कर काठमांडू आवास हो गई हैं ।
राजनीतिक दल संबंधी ऐन अनुसार चौधरी पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए आयोग्य हैं । उक्त ऐन अनुसार कोई भी नैतिक पतन संबंधी अभियोग में सजाय प्राप्त व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष नहीं बन सकते हैं । इस विषय को लेकर पार्टी के भीतर बहस जारी है और रंजीता को पार्टी में स्थान देने के लिए पार्टी विधान संशोधन की तैयारी नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने की है ।
