त्रिवि के उपकुलपति के लिए ४३ प्रतिस्पर्धी
काठमांडू, माघ ९– त्रिवी के उपकुलपति पद के लिए आवेदन का मूल्यांकन कर, अल्पसूची प्रकाशन कर और विज्ञ समिति से अल्पसूची में दिए गए लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा कराई जाएगी ।
त्रिभुवन विश्वविद्यालय के २०वें उपकुलपति बनने के लिए दो महिला को मिलाकर ४३ प्राध्यापकों ने खुला प्रतिस्पर्धा के लिए आवदन दिया है । आवेदन देने का अन्तिम दिन सोमवार तक ४३ लोगों ने आवेदन दिया है ये जानकारी उपुकलपति सिफारिस समिति के सदस्य तथा शिक्षा सचिव सुरेश अधिकारी ने जानकारी दी है ।
त्रिवि के निमित्त उपकुलपति शिवलाल भुसाल, मध्यपश्चिम विश्वविद्यालय के उपकुलपति नन्दबहादुर सिंह, त्रिवि के पूर्वउपकुलपति तीर्थराज खनियाँ, खुला विश्वविद्यालय के पूर्वउपकुलपति लेखनाथ शर्मा, पोखरा विश्वविद्यालय के पूर्वउपकुलपति केशरजंग बराल, त्रिवि के पूर्वरजिस्ट्रार चन्द्रमणि पौडेल, पूर्वरेक्टर गुणनिधि न्यौपाने, गण्डकी विश्वविद्यालय के उपकुलपति नवराज देवकोटा ने आवेदन दिया है ।
इसी तरह त्रिवि मानविकी संकाय की डिन कुसुम शाक्य, शिक्षा संकाय के डिन चित्रबहादुर बुढाथोकी, त्रिवि कार्यकारी परिषद् के सदस्य महानन्द चालिसे, ताहाचल क्याम्पस के प्राध्यापक भीमसेन देवकोटा, त्रिरत्न बज्राचार्य, संगीता रायमाझी, गोविन्द सुवेदी, टंकनाथ धमला, भोजराज अर्याल, प्रकाश घिमिरे, केदारनाथ घिमिरे, पूर्वडिनहरू कृष्णराज तिवारी, इन्द्रबहादुर कार्की, राजकुमार पोखरेल, बालमुकुन्द रेग्मी, एकराज ओझा, देवबहादुर खड्का, अक्कल देव मिश्र, प्रमोद कुमार झा आदि ने आवेदन दी है । ये जानकारी शिक्षा मन्त्रालय ने दी है ।
प्रतिस्पर्धा के आधार पर त्रिवि के उपकुलपति चयन और सिफारिस कार्यविधि सहित सिफारिस समिति ने दरखास्त आह्वान किया था ।
कार्यविधि में न्यूनतम योग्यता में किसी भी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक में नियुक्ति का अनुभव प्राप्त होना चाहिए , इसका उल्लेख किया गया है । शैक्षिक योग्यता न्यूनतम स्नातकोत्तर होना चाहिए ।
विश्वविद्यालयसम्बन्धी सोचपत्र और कार्ययोजना के लिए ३५ अंक है । प्रस्तुतीकरण में २० और अन्तर्वार्ता के लिए १५ अंक तय किया गया है । प्राज्ञिक अनुसन्धानमूलक परियोजना के लिए ६, पुस्तक प्रकाशन बापत ५, विश्वविद्यालय के पदाधिकारी को अनुभव के लिए ४, विद्यावारिधि योग्यता के लिए ५ और प्राध्यापक के अनुभव को १० अंक तय किया गया है । ३ हजार शब्द के सोचपत्र और ५ हजार शब्द के कार्ययोजना की मांग की गई है ।
प्रधानमन्त्री तथा कुलपति दाहाल ने विश्वविद्यालय में की जा रही नियुक्ति में भागबन्डा का अन्त कर मेरिट के आधार में पदाधिकारी चयन करने की प्रतिबद्धता जताई है ।