माओवादी केन्द्र के नेताओं ने कहा ‘जनयुद्ध दिवस’ की छुट्टी को लेकर अदालत पुनर्विचार करे
काठमांडू, फागुन १– (माओवादी केन्द्र) के नेताओं ने ‘जनयुद्ध दिवस’ के अवसर पर अदालत ने जो छुट्टी नहीं देने का निर्णय किया है उसे लेकर कहा है कि इस पर अदालत को पुनर्विचार करना चाहिए ।
संघीय सरकार ने गत वर्ष फागुन १ गते ‘जनयुद्ध दिवस’ में सार्वजनिक छुट्टी दी थी । इस बार भी छुट्टी को कायम रखने की मन्त्रिपरिषद का निर्णय था । लेकिन सर्वोच्च अदालत संघीय सरकार ने जनयुद्ध दिवस में दिए जाने वाली छुट्टी को बदर कर दिया था ।
माओवादी के प्रथम विधान सम्मेलन के समय मंगलवार काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम में नेताओं जनयुद्ध दिवस छुट्टी नहीं देने का जो निर्णय अदालत ने लिया है इसपर पुनर्विचार करने की धारणा रखी है ।
उपमहासचिव वर्षमान पुन ने कहा कि हम अदालत के निर्णय का सम्मान करते हैं परन्तु ‘जनयुद्ध के देनों को मानना लेकिन दिवस नहीं मना सकते कैसी बिडम्बनापूर्ण अवस्था है ?
केन्द्रीय सदस्य जयपुरी घर्ती ने कहा कि जनयुद्ध’ और जनआन्दोलन के ही कारण देश में परिवर्तन आया है । ‘जनयुद्ध दिवस’ मनाना नेपाली जनता के अधिकार की बात है । इस दिवस में सार्वजनिक संघीय सरकार को भी छुट्टी देनी चाहिए । माओवादी ने अपने जीते हुए स्थानीय तह में तो छुट्टी दी है ।
इसी तरह केन्द्रीय सदस्य वामदेव क्षेत्री ने भी जनयुद्ध दिवस में छुट्टी नहीं देना और दिवस के रूप मेंनहीं मनाना अदालत से जो निर्णय आया है यह गलत हुआ है ।
सम्पर्क समन्वय प्रदेश कमिटी अध्यक्ष श्रीकृष्ण अधिकारी ने भी जनयुद्ध दिवस को दिवस के रुप में अदालत ने जो नहीं स्वीकार किया है उसे लेकर कहा कि मैं स्वयं अपमानित महसूस कर रहा हूँ ।