कोलकाता विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और साहित्य विषयक संगोष्ठी, नेपाल से डॉ श्वेता दीप्ति सहभागी
कोलकाता 28 फरवरी । कोलकाता विश्वविद्यालय हिंदी विभाग और केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा द्वारा सामासिक संस्कृति के संवाहक : हिंदी भाषा और साहित्य विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का दिनांक 27 एवं 28 फरवरी को आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शांता दत्ता, कुल सचिव प्रो देवाशीष दास , केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो सुनील बाबु राव कुलकर्णी, पूर्व राज्य सभा सांसद प्रो चंद्र कला पांडे, पूर्व निदेशक प्रो शंभू नाथ,हिंदी भवन विश्वभारती शांतिनिकेतन के प्रो रामेश्वर मिश्र,हिंदी केंद्रीय विभाग त्रिभुवन विश्वविद्यालय की डॉ श्वेता दीप्ति, हिंदी विभाग कोलकाता की पूर्व अध्यक्ष प्रो राजश्री शुक्ला, सहायक प्राध्यापक प्रो विजय कुमार साव की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
निदेशक कुलकर्णी जी ने कहा कि प्रकृति, विकृति और संस्कृति के साथ मानव जीवन चलता है। वहीँ प्रो शंभू नाथ जी ने संस्कृति की पूर्ण व्याख्या की और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ श्वेता ने कहा कि संस्कृति, समाज, साहित्य और सभ्यता मनुष्य को परिष्कृत करता है। इस सत्र का संचालन डॉ रामप्रवेश रजक जी ने किया।
संस्कृति और साहित्य पर विषद चर्चा हुई। कार्यक्रम को कई समानांतर सत्रों में बांटा गया था। देश विदेश के प्रोफेसर एवं शोधार्थी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विभिन्न भाषाओं का संस्कृति उत्थान में योगदान और साहित्य की भूमिका पर शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।