Sat. Oct 12th, 2024

काठमान्डु



इस साल का सबसे पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। चैत्र नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले यानी 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा और ये योग 54 साल बाद बनने जा रहा है।इस ग्रहण के चलते आसमान से जमीन तक एडवाइजरी जारी की गई है।

सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। हालांकि, इस ग्रहण का सूतक काल नहीं है, लेकिन आप दान कर सकते हैं। दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होगी।

सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल यानी सोमवार को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 9 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इस कारण इस बार सूर्य ग्रहण की अवधि 12 घंटे की होगी।

इस बार भारत नेपाल में नजर नहीं आएगा। यही कारण है कि यहां सूतक काल नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, मध्य और दक्षिणी अमेरिकी, आयरलैंड के कुछ हिस्सों, ब्रिटेन और कनाडा में दिखेगा। वहीं, सूर्य ग्रहण सबसे पहले मैक्सिको के Mazatian शहर में दिखाई देगा।

यह भी पढें   हे धरती मां,मैं करूं तेरी अराधना, धरा हो स्वर्ग, कामना पूरी करना : शिशुपाल कुमार सिंह

जानकारों का मानना है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन न पकाएं और न ही खाएं। इस समय राहु के प्रभाव के चलते भोजन दूषित हो जाता है।
वहीं, सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को नग्न आंखों से देखने के बजाए आपको एक अच्छी गुणवत्ता के चश्मे के साथ देखना चाहिए, इससे आंखों को नुकसान नहीं होता है।
इस सूर्य ग्रहण से पहले फ्लाइट को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है। अमेरिकी सरकार की नागरिक उड्डयन एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एडवाइजरी जारी की है। एफएए ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “विमान को संभावित एयरबोर्न होल्डिंग, रीरूट या अपेक्षित प्रस्थान निकासी समय के लिए तैयार किया जाना चाहिए जो सभी घरेलू आईएफआर आगमन और प्रस्थान के लिए जारी किया जा सकता है।

एजेंसी ने कहा कि आगामी पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते टेक्सास और न्यू इंग्लैंड के बीच हवाई क्षेत्र व्यस्त होने की उम्मीद है। दरअसल, सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोग उत्साहित होंगे और इस कारण लोग इन देशों की यात्रा की योजना भी बना सकते हैं। इसी कारण सूर्य ग्रहण के रास्ते में आने वाले हवाई अड्डों को सूचीबद्ध किया गया है, जहां हवाई यात्रा प्रभावित हो सकती है।

यह भी पढें   कोशी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वय ने किया बाढ़ पीड़ित को राहत देने मांग 

 



About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: