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आइए जानते हैं राम नवमी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

काठमान्डू

सनातन धर्म में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम की उपाधी दी गई है. यही कारण है कि हिंदू धर्म के लोगों के लिए राम नवमी का पर्व बेहद खास है. वैदिक पंचाग के अनुसार हर साल राम नवमी का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है.
हिंदी पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल दोपहर 01:23 बजे से शुरू हो रही है जिसका समापन अगले दिन यानी 17 अप्रैल को दोपहर 03:15 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल 2024 को मनाया जा रहा है.

राम नवमी 2024 का शुभ मुहूर्त
प्रभु राम की पूजा करने के लिए इस वर्ष शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा. भगवान राम की पूजा के लिए भक्तों को 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा.

राम नवमी पर 12:20 बजे के बाद यानी मध्याह्र का मुहूर्त
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:34 बजे से 03:24 बजे तक.
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:47 बजे से 07:09 बजे तक.

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राम नवमी 2024 पूजा विधि
-राम नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े धारण करें.
-फिर पूजा स्थल की सफाई कर व्रत का संपल्प लें.
-इसके बाद भगवान राम की पूजा-अर्चना शुरू करें.
-एक साफ कपड़े पर भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भगवान हनुमान की प्रतिमा को स्थापित करें.
-इसके बाद सभी का बारी-बारी से चंदन, रोली, धूप, फूल, माला, इत्र आदि से षोडशोपचार विधि से पूजा करें.
-अब भगवान राम की पूजा में गंगाजल चढ़ाएं साथ ही कमल का फूल और तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं. -इसके अलावा दो-तीन तरह के फल, मिठाई और फूल अर्पित करें.
-अब श्रद्धा अनुसार रामायण, रामचरितमानस और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें.
-अंत में भगवान राम, माता सीता, भाई लक्षमण और हनुमान जी की आरती करें.
-पूजा के बाद सभी प्रसाद वितरित करें.

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राम नवमी का महत्व
हर साल सनातन धर्म में राम नवमी का पर्व बड़े ही उत्साह और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने जन्म लिया था. अयोध्या के राजा दशरथ के घर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राम ने जन्म लिया था. जो उनके ज्येष्ठ पुत्र कहलाए. मान्यता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए जन्म लिया था.

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