Wed. May 1st, 2024

क्या भारत को मिलेगी सुरक्षा परिषद की सदस्यता

काठमान्डू



भारत लंबे समय से विकासशील दुनिया के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से देश की खोज को गति मिली है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 15 सदस्य देशों से बनी है, जिसमें वीटो शक्ति वाले 5 स्थायी सदस्य और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं. यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.
संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद  की स्‍थाई सदस्‍यता हासिल करने में जुटे भारत के दावे को और बल मिला है. टेस्‍टला चीफ एलन मस्‍क ने कुछ महीने पहले UNSC में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता की वकालत की थी. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा था कि भारत का सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य न होना बेतुका है. अब अमेरिका ने भी मस्‍क का समर्थन किया है. अमेरिका ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की मांग का समर्थन किया है. साथ ही कहा कि वॉशिंगटन भी चाहता है कि यूएन में सुधार हो, ताकि वह 21वीं सदी की सही तस्‍वीर पेश कर सके.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र संस्थानों में सुधार के लिए समर्थन की पेशकश की है. UNSC में भारत की स्थायी सीट की कमी के बारे में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान के बारे में पूछे जाने पर, वेदांत पटेल ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणी में पहले भी इस बारे में की है और सचिव ने भी इस बारे में बताया है. हम निश्चित रूप से सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र की अन्‍य संस्थाओं में सुधारों का समर्थन करते हैं, ताकि इसे 21वीं सदी की दुनिया, जिसमें हम रह रहे हैं, को प्रतिबिंबित किया जा सके. वे कदम क्या हैं, इसके बारे में बताने के लिए मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है. लेकिन, निश्चित रूप से हम इसे स्वीकार करते हैं. सुधार की आवश्यकता है, लेकिन मैं इसे अभी यहीं छोड़ दूंगा.’

इस साल जनवरी में एलन मस्क ने भारत को UNSC में स्थायी सीट न मिलने को ‘बेतुका’ बताया था. उन्होंने कहा था कि जिन देशों के पास जरूरत से ज्यादा ताकत है, वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. X पर एक पोस्ट में मस्क ने कहा, ‘कुछ बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है. समस्या यह है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. भारत के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्‍यता नहीं है, जबकि इंडिया पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है. यह बेतुका है. अफ़्रीका को भी सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए.’



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