मधेश को अधिकार आन्दोलन से ही मिल सकता है : तमरा अभियान
काठमाण्डू। ४ नवम्बर,२०१४ ।असमंजस और असहजता के वातावरण में मधेशी जनता के बीच उम्मीद की लौ को जगाने का और जनता तथा नेता के बीच संवाद कायम करने का प्रयास तराई मधेश राष्ट्रीय अभियान विगत कई महीनों से करती आ रही है । एक छोटी सी कोशिश में एक पूरी कायनात बदलने की हिम्मत होती है । तमरा अभियान को देखते हुए यह लग रहा है कि खुली हथेलियों ने मुट्ठी का रूप लेना शुरु कर दिया है । नेपाल में मधेशी समुदाय जिस विभेद की पीड़ा को झेलती आ रही है, उसे समाप्त करना और उनके अस्तित्व को पहचान दिलाने की कोशिश में तमरा लगी हुई है ।
आनेवाले कार्तिक २१ और २२ गते तराई मधेश राष्ट्रीय अभियान के राष्ट्रीय परिषद् का दूसरा बैठक रौतहट के गरुडा बाजार में भव्यता के साथ सम्पन्न होने जा रहा है । राष्ट्रीय परिषद् अभियान का सर्वोच्च निकाय है इसलिए यह बैठक महाधिवेशन की महत्ता रखती है । इसका उद्घाटन इस अभियान के संयाजक जयप्रकाश गुप्ता जी द्वारा होना है ।इस अभियान का पहला बैठक २०७० आश्विन ३ गते विराटनगर में सम्पन्न हुआ था । जहाँ दूसरे संविधानसभा के निर्वाचन में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया था । और आज जो हालात दिख रहे हैं उसमें यह निर्णय सम्भवतः सही ही था । अभियान की धारणा है कि मधेश को अधिकार आन्दोलन से ही मिल सकता है क्योंकि सत्ता में जो मधेशी नेता शामिल हैं वो ही मधेश के विकास में सबसे बड़े बाधक हैं ।
एक सही सोच के साथ जब कोई शुरुआत होती है तो कठिनाइयों के बावजूद सफलता कदम चूमती ही है आवश्यकता त्याग, ईमानदारी, धैर्य और साहस की होती है । हिमालिनी परिवार तमरा के इस दूसरे सम्पन्न होने वाले बैठक की सफलता के लिए शुभकामना व्यक्त करती है। स.