‘उठू जनकपुर भेले भोर’ आज भी जनकपुरवासी के जेहन में
जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर । नेपाल के शास्त्रीय गीत,संगीत का अद्वितीय प्रतिभा तथा मधेश का धरोहर गुरूदेव कामत का इलाज के दौरान गुरुवार को 67 बर्ष की उम्र मेंनिधन हो गया है। उनका जन्म सिरहा जिला के लक्ष्मी पतारी गाविस वार्ड2के पोखरभिंडा में हुआ था। मैथिली, नेपाली, हिंदी , भोजपुरी में सैकड़ों गीत गाये थे। इसी साल जनवरी में मधेश प्रज्ञा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित जनकपुरधाम आयोजित एकल शास्त्रीय गायन अंतिम प्रस्तुति था। ‘उठू जनकपुर भेले भोर’जनकपुर एफ.एम.के लिए गाये गीत आज भी जनकपुरवासी के जेहन में याद हैं।
उनके निधन पर मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह,वन, वातावरण मंत्री त्रिभुवन साह, तमलोपा के नेता बृषेश चंद्र लाल,मधेश विज्ञान प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राम भरोस कापड़ि ‘भ्रमर’, मैथिली विकास कोष के अध्यक्ष जीवनाथ चौधरी, पूर्व मेयर बजरंग साह,साहित्यकार रोशन जनकपुरी, सुजीत कुमार झा,अशोक दत्त, विधायक रामाशीष यादव, मधेश पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष राजेश कुमार कर्ण सहित कई लोगों ने इनके निधन शोक व्यक्त किया तथा संगीत क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया हैं।