Fri. Sep 20th, 2024


ब्रह्मवैवर्त पुराण में माता सीता को वेदवती का अवतार बताया गया है। इसमें वर्णित कथा के अनुसार, वेदवती भगवान विष्णु की परम भक्त थी और वह उन्हें पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थीं। तभी वहां से रावण गुजर रहा था, और उसकी नजर वेदवती पर पड़ी। वेदवती सुंदर थी, जिस कारण रावण उसपर मोहित हो गया और उसकी तपस्या भंग करने लगा।



वेदवती ने रावण को दिया ये श्राप
रावण वेदवती को अपने साथ ले जाने का प्रयास करने लगा। जिससे आहत होकर वेदवती ने अग्निकुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। अग्नि कुंड में कूदने से पहले वेदवती ने रावण को श्राप दिया की वही उसकी मृत्यु का कारण बनेगी।

इस तरह राजा जनक की पुत्री बनी सीता
मिथिला के राजा जनक के राज में कई वर्षों से वर्षा नहीं हो रही थी। जिस कारण सुखे की स्थिति पैदा हो गई थी। तब ऋषियों की सलाह पर राजा ने सोने का हल बनाकर स्वयं जमीन पर हल चलाया। इस दौरान उन्हें एक कलश मिला जिसमें से एक सुंदर कन्या निकली। क्योंकि राजा निसंतान थे, इसलिए उन्होंने उस कन्या को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। ऐसा माना जाता है कि वेदवती का ही जन्म माता सीता के रूप में हुआ और श्राप के अनुसार, सीता जी ही रावण की मत्यु का कारण बनी।



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