Sat. Nov 15th, 2025
English मे देखने के लिए क्लिक करें

चार्ली चैपलिन की आत्मा पीएम केपी शर्मा ओली के शरीर में प्रवेश कर गई है

बिम्मीशर्मा, काठमांडू ,२३ मई |

अमेरिका में एक हास्यकलाकार थे जो बिना बोले अपने हावभाव से ही लोगों को हंसाते थे । उनका अजीब सा गेटअप और चाल ढाल जहाँ कभी लोगो को हँसाती या गुदगुदाती थी । वहीं कभी कभी लोगों की आंख उनकी कलाकारिता पर भीग जाया करती थी । उस महान कलाकार का नाम था चार्ली चैपलिन । पर उनको इस संसार से गए हुए बहुत साल हो गया । पर लगता है उनकी आत्मा अतृप्त ही थी और हास्य और मसखरी को पूरी तरह जी नहीं पायी थी शायद ? इसीलिए चार्ली चैपलिन के मरने के इतने सालो बाद उनकी आत्मा भटकते, भटकते हजारों मील दूर नेपाल आ कर हमारे महामहिम पीएमश्री श्री श्री १०८ केपीशर्मा ओली के शरीर में प्रवेश कर गई है ।

oli-chaplin

जब से चार्ली चैपलिन की आत्मा पीएम ओली के शरीर में घुस गई है तब से हमारे पिएमओर्ली चैपलिन बन कर अजीब अजीब हरकत और बात कर रहे हैं । जैसे किसी, किसी का तकियाकलाम होता है उसी तरह हमारे पिएमओली का भी तकियाकलाम है “दो साल” । दो साल वह ऐसे चुटकी बजा कर कहते हंै कि जैसे रात में सोए और सुबह उठ गए । वह दो साल के अंदर देश में आमूल परिवर्तन करने कि बात करते हैं । पर आमूल परिवर्तन कैसे संभव होगा ? किस नीति, नियम और योजना के तहत वह अपने सपने को अंजाम देगें ? वह सपने देखने की बातें करते हैं । पर सपने देखने के लिए भी स्वस्थ तन और मन होना जरुरी है । गंदे विस्तर में अच्छे सपने नहीं दिखाई देते ।

तन (देश) तो मैला, कुचैला है, न मन (बिचार) ही स्वतन्त्र और अच्छा है । बिस्तर (आर्थिक अवस्था) भी इतना गया गुजरा है जनता का कि उसे सपना तो दूर कि बात है पहले तो नींद ही नहीं आती । सपने देखने के लिए पहले सोना जरुरी है । पर पिएमओली अपनी बातों और आश्वासनों से देश के नागरिकोें को सोने भी नहीं देते । पिएमओली के पास मनभावन लेमनचूस है जिसे सभी में बांट कर वह निष्कटंक राज करना चाहते हैं । उनको लगता है इस देश की जनता लेमनचूस की मिठास में अपने सभी अभावों को भूल जाएगी । पर उनकी अपनी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता के अलावा कोई इस लेमनचूस को चखना नहीं चाहता । सभी को पता है कि यह लेमनचूस दिल्ली के अपोलो अस्पताल में १० साल पहले यहां के डाक्टर द्धारा लगायागया ईन्जेक्सन है और दवा है जो अब अपना असर धीरे, धीरे दिखा रहा है । रोग के गिरफ्त में पूरी तरह आ चुका मरीज का अपने दिमाग और बोली पर कोई नियन्त्रण नहीं रहता है । वही हाल पिएमओर्ली चैपलिन का है । बस अनाप, शनाप बोले जा रहे हैं ।

यह भी पढें   विहार में दुसरे चरण के लिए 122सीट पर शांति पूर्ण तरीके से मतदान शुरू

कहां क्या बोलना है और कितना बोलना है यह हमारे पिएमओर्ली चैपलिन भूल ही चुके है । बस भीड़ दिखा और हाथ में माईक आते ही वह टूट पडते है भूखे की तरह । पहले, पहले लोग ओर्ली चैपलिन के मुहावरा और भाषण को देख, सुन कर खुब मजे लेते थे पर अब लोग अपना सिर धुनने लगे हैं । जिन का पेट भूखा और हृदय शोक से ग्रसित हो वह ओर्ली चैपलिन की मुहावरों और विकास की बडी बडी बातों को सुन कर कितना आहत होते होगें ? पान खा कर और चबा कर जैसे लोग थूकते हैं वैसे ही पीएमओर्ली चैपलिन पान की पीक की तरह देश विकास कि बातों को चबा, चबा कर थूक रहे हैं ।

कभी कहते हैं हवा से बिजली निकालेंगे , कभी कहते हैं सौर्य उर्जा से देश का अंधियारा दूर करेगें । कभी कहते है पाईप लाइन से घर–घर में खाना बनाने का रसोई गैस पहुचाएँगे । कभी कहते हंै पाँच साल के अंदर देश को पूरी तरह रेलमय बना देंगे । और कभी कहते है प्रशान्तमहासागर में पानी जहाज चलवाएँगे । कभी कहते हैं दो साल के अंदर देश में पेट्रोल उत्पादन करेंगें और तीन साल के अंदर अन्य खनिज पदार्थ और बहुमूल्य पत्थरों का उत्खनन कर उस का उत्पादन करेंगें ।

यह भी पढें   एनपीएल के टिकट की कीमतें सार्वजनिक

पानी का धनी विश्व का दूसरा देश नेपाल । उसी पानी को दोहन कर के बिजली निकालने कि बात तो दूर जो अभी तुरंत संभव नहीं है उसी सौर्य उर्जा और हवा से बिजली निकालने की बात पिएमओर्ली चैपलिन ऐसे करते है जैसे कोई जादूकर हवा से रुमाल निकालता है । महीने में एक बार एक पूरी सिलिंडर गैस नहीं मिलती । लोग चूड़ा और चाउचाउ खा कर सोते है और पिएमओर्ली चैपलिन पाईप लाईन से गैस रसोई तक ले आने कि बात करते हैं । यह तो वही बात हो गई कि वारिश न हो कर सुखा पड़ने पर आकाश में बांस घुसेड़ कर बारिश करने या पानी चुआने की । देश में बस सेवा और सड़क की हालत बद से बदतर है उसको सुधार और मर्मत कर के समय से चलाने की काफी गुंजाईश है । पर नहीं पिएमओर्ली चैपलिनको देश की छाती पर रेल दौड़ाने का भूत सवार है ।

और सब से हंसी वाली बात जिस देश में समुद्र नहीं है । समुद्र न होने के कारण अन्य देशों से आए सामानों कि ढुवाई करने के लिए हल्दिया और बिशाखापट्टना बन्दरगाह से हाथ जोड़ना पड़ रहा है । उसी देश का पिएमओर्ली चैपलिन पानी जहाज चलाने की बेसिरपैर की बातें शान से करता हैं । क्या वह सिंह दरवार से ले कर बालुवाटार के बीच खुदाई कर के बड़ा सा गढ्ढा खोदेंगें और उसी पर पानी डाल कर समुद्र बना कर पानी जहाज चलाएँगें और उसी के किनार,े किनारे से रेलवे लीक भी बनाएगें शायद ? २० साल से ज्यादा समय हो गया मेलम्ची का पानी तो अभी तक काठमाडंू तक नहीं आ पाया है । और यह ओर्ली चैपलिन जनाब पानी जहाज चलाने की बात करते हैं ।

यह भी पढें   उप सभामुख राउत ईशर ने सांसदों के पदमुक्त का किया प्रतिवाद... कारवाई रद्द

देश में पेट्रोल, डीजल का खान है कि नहीं यह पता नहीं । पर दो साल के अंदर देश में ही पेट्रोल उत्पादन करने का डंका पीट रहे हैं । लोगों के घर या नल में हपm्ते मे एक बार तो पानी मुश्किल से टपकता है और यह पेट्रोल उत्पादन की बात कर के पानी से जले हुए घाव में पेट्रोल छिड़क रहे हैं । और तो और देश में अन्य खनिज पदार्थों और बहमूल्य पत्थरों का उत्खनन और उत्पादन की बात ऐसे कर रहे है जैसे इस देश में सब से महत्वपूर्ण और जरुरी यही काम है । यह तो उसी मुहावरे की तरह हो गया कि “सारी खुदाई एक तरफ जोरु का भाई एक तरफ ।”

और पिएमओर्ली चैपलिन अपनी इन सभी आयोजना या सपने को पूरा करने में दो से पांच साल तक का समय निश्चित रहे हैं । लगता है वह १२ महीने का नही ६० महीने का एक साल वाला नयां पत्रा या केलेंडर बना कर बैठे हुए हैं या खुद ही ज्योतिष बन गए है । ओर्ली चैपलिन की यह हताशा और बड़बड़ाहट देख, सुन कर रियलवाले चार्ली चैपलिन उपर बैंठ कर जरुर रो रहे होंगे । “हाय यह मैं कहां फंस गया रे बाबा यह मांगी हुई किडनी की वैशाखी पर चलने वाले ने तो मेरी ईमेज ही पूरी तरह बर्बाद कर दी । मैं यह किस पाप की सजा भुगत रहा हूँ ।” जय हो ओली चैपलिन की । (व्यग्ंय )

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.