बीपीकोइराला भारत नेपाल फाउन्डेशन द्वारा चित्रकला सम्बन्धि कार्यक्रम का आयोजन
काठमान्डू, २४ मई
भारतीय दूतावास पी.आइ.सी विंग ने बीपी कोइराला भारत नेपाल फाउन्डेशन द्वारा नेपाल कला परिषद के सहयोग से होटल मल्ल में चित्रकला सम्बन्धि कार्यक्रम का आयोजन किया ।
भारत से आए अतिथि भारतीय चित्रकला के प्रतिष्ठित कलाकार श्री जतिन दास ने इस अवसर पर अपना महत्वपूर्ण मंतव्य रखा । आपने माना कि कला की कोई सीमा नहीं होती और ना ही इसे किसी परिधि में बाँधा जा सकता है । कला कहीं की भी हो, उसकी अपनी महत्ता है । प्रत्येक क्षेत्र की संस्कृति को वहाँ की लोककला परिभाषित करती है और पहचान देती है । भारत और नेपाल हमेशा से अपनी संस्कृति और परम्परा में एक दूसरे के करीब है । उन्होंने कहा कि मोडर्न आर्ट के नाम पर कला के साथ खिलवाड़ हो रहा है । पश्चिमी देशों के अंधानुकरण ने हमारी संस्कृति और कला को काफी नुकसान पहुँचाया है । हमारी कला जो चाहे स्थापत्य कला हो, ललितकला हो, मूत्र्तकला हो, टेराकोटा हो या लोकहस्तकला हो काफी समृद्ध रही है । इसे बनाए रखने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि मैं समसामयिक कलाकार हूँ, समय को साथ लेकर चलता हूँ ।
काठमान्डौ के स्थापत्य कला की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहाँ कितनी खूबसूरत तालाबें हैं किन्तु उनकी दुर्दशा हो रही है । उसे कचड़े का ढेर बना दिया गया है । उन्होंने नेपाल के कलाकार वर्ग से अपील की और कहा कि आप संकल्प लें और यहाँ की सभी तालाबों को ६ महीनों के अन्दर साफ करें । इन कलाओं में जो लालित्य है वह दुर्लभ है और इसका संरक्षण आवश्यक है । जीवन संकल्प का नाम है और यही जीवन का आधार है ।
कार्यक्रम में स्वागत मंतव्य पीआइसी विंग की द्वितीय सचिव रुबी जसप्रीत शर्मा ने दिया ।