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सिंध/लंदन.
untitled-1_147245817लंदन में चीनी एम्बेसी के सामने बलूचिस्तान के लोगों ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर प्रदर्शन किया। प्रोटेस्ट के दौरान ये नारे भी लगे, ‘कदम बढ़ाओ मोदीजी, हम तुम्हारे साथ हैं।’ बता दें कि इससे पहले जर्मनी के लीपजिग में बलूच लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ और मोदी के सपोर्ट में नारेबाजी की थी। उधर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान के बाद अब सिंध प्रॉविंस में प्रदर्शनकारियों ने आजादी के नारे लगाए हैं।
  लंदन में चीनी एम्बेसी के बाहर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के मुद्दे पर बलूच और सिंधी नेताओं ने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान यहां बलूच नेता नूरदीन मेंगल ने कहा, ‘जो चीज चाहें, वो छीन सकते हैं, यही इन दोनों (चीन-पाकिस्तान) कोशिश रहती है।’
‘हम पाक-चीन से यही कहना चाहते हैं कि बलूच लोगों की मर्जी के बिना वे कुछ नहीं कर सकते।’
लंदन में प्रोटेस्ट के दौरान ये नारे भी लगे, ‘कदम बढ़ाओ मोदीजी, हम तुम्हारे साथ हैं।’
मीरपुर खास में लगे नारे
– लंदन में ही वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस के चेयरमैन लाखू लुहाना ने कहा, ‘हम चीन के CPEC प्रोजेक्ट को किसी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे।’
– इससे पहले पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के हिस्से वाले गिलगित-बाल्तिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगे थे।
क्या है सिंध?
– पाकिस्तान में जितने हिंदू बचे हैं, उनमें सबसे ज्यादा सिंध प्रॉविंस में रहते हैं।
– सिंध में हिंदू व्यापारियों का खासा प्रभाव रहा है। 1947 के पहले यहां गुजराती बोलने वाले पारसी कम्युनिटी के लोग भी रहते थे।
– पाकिस्तान बनने के बाद जैसे-जैसे इस्लामिक कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ा वैसे-वैसे हिंदुओं के लिए सिंध में रहना मुश्किल होता गया।
मोदी ने कहा था- बलूचिस्तान और पीओके के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया
– मोदी ने लाल किले से दी स्पीच में कहा था, ”पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान, गिलगित, पाक के कब्जे वाले हिस्से के लोगों ने मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है। मेरा आभार व्यक्त किया है। मेरे प्रति सद्भावना जताई है।”
– ”दूर-दूर बैठे लोग हैं। जिस धरती को मैंने देखा नहीं, जहां के लोगों से कभी मुलाकात नहीं हुई, वे प्रधानमंत्री का आदर करते हैं तो ये मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है। मैं गिलगित, बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।”
मोदी ने क्यों किया था बलूचिस्तान का जिक्र?
– लाल किले पर स्पीच से पहले मोदी ने हाईलेवल मीटिंग की थी।
– मोदी कश्मीर मुद्दे को इंटरनेशनल फोरम्स पर उठाने के पाकिस्तानी रवैये और घाटी में उसकी बढ़ती हरकतों से बेहद नाराज थे।
– पीएम का मानना था कि पाकिस्तान को अब ज्यादा ताकत से जवाब दिया जाना चाहिए। खास बात ये है कि मीटिंग में मौजूद डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर और होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह भी मोदी की सोच का ही समर्थन कर रहे थे।
साभार, दैनिक भास्कर

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