हमको अपना अधिकार मिले इससे अधिक की चाह नही
डा. मुकेश झा
गद्दारी करते हैं जो
गद्दार हमे बतलाते है
इस लिए हमे दबाते हैं।
कब तक यूँही सहते जाएँ
हम अपने ऊपर अत्याचार
लेना निर्णय अब जल्दी है
करना समर अब आरपार
आ जाएंगे जब अपने पर
अवनि का रंग बदल देंगे
फूटेंगे अग्नि शिखा बनकर
नभ से अग्नि बरसाएंगे
हमको अपना अधिकार मिले
इससे अधिक की चाह नही
सत्ताको देना ही होगा
अब इससे दूजा कोई राह नहीं
अब और अधिक जो छेड़ोगे
सच कहते हैं नहीं छोड़ेंगे
इतिहास धरी की धरी रहे
सारा भूगोल बदल देंगे।
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