देश “राष्ट्रीय जानवर” के प्रति कितना असंवेदनशील है
जनकपुर पूस १ गते
मुकेश झा
मुकेश झा
जनकपुर उपमहानगर पालिका के कांजी गृह में २ गाय का मृत्यु होना निश्चित ही उपमहानगरपालिका के लापरवाही को दर्शाती है। उपमहानगरपालिका देश के “राष्ट्रीय जानवर” के प्रति कितना असंवेदनशील है ?
जनकपुर उपमहानगरपालिका द्वारा पकड़ी गई ६ गायों में से २ की ठण्ड के कारण ठिठुर कर मृत्यु होना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक सरकारी निकाय के द्वारा सुरक्षा करने की जगह ” राष्ट्रीय पशु” की मृत्यु होना साधारण बात जैसी भले ही लगे परंतु यह एक गम्भीर विषय है।उपमहानगरपालिका को यह समझना चाहिये कि गाय सिर्फ पशु ही नही है बल्कि राष्ट्र् झंडा के तरह महत्व रखने वाली सम्मानीय प्रतिष्ठा रखती है और राज्य को उसके सुरक्षा का पूरा पूरा खयाल रखना चाहिये। लेकिन इसमें राज्य पूर्ण रूप से उदासीन दिख रही है। मानते हैं कि लोगों में भावना के कमी कारण लोग गाय को सड़क पर छोड़ देते है, लेकिन राष्ट्रिय पशु होने के कारण राज्य का भी कुछ उत्तरदाइत्व होना ही चाहिये। राज्य द्वारा ऐसे गौशालाओं का निर्माण होना चाहिये जहाँ “राष्ट्रीय पशु” को सुरक्षित रखा जा सके। लेकिन सत्ता के उठा पटक में लगे हुए को राष्ट्रिय पहिचान और चिन्ह से क्या मतलब? उम्मीद है सम्बंधित निकाय इस घटना से सबक लेते हुए जल्द से जल्द गायों की व्यवस्था करे और गाय के साथ “छाड़ा पशु” की तरह नही बल्कि “राष्ट्रीय पशु” की तरह व्यवहार किया जाय।
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