हर बात को भूलो भले, माँ बाप को मत भूलना…… कलाकार प्रफूल्ल सिंह
कलाकार प्रफूल्ल सिंह उर्फ फूल सिंह, १४ मार्च | हर बात को भूलो भले, माँ बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों हैं, इस बात को मत भूलना
भारत और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में वृद्धाश्रम की संख्या बढ़ रही है । बडे बड़े लोग अपने माता पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ रहे है । एक निःसंतान दंपति किसी ना किसी अनाथाश्रम से बच्चे को गोद लेते है, तो फिर किसी के पास माँ बाप नही है तो वृद्धाश्रम से माँ बाप को गोद क्यों नही लेते ? आज इस बात की जरूरत है कि पश्चिम देशो के सभ्यता को त्यागकर इसी परिपाटी को सरजमीन पर उतारने के लिए प्रचार प्रसार जनचेतना फैलाने के उद्देश्य से नेपाल के औद्योगिक नगरी बिराटनगर पहूँचे हिन्दी घारावाहिक कलाकार प्रफूल्ल सिंह उर्फ फूल सिंह से हिमालिनी के संवाददाता माला मिश्रा ने बातचीत की । प्रस्तुत है बातचीत का संपादित अंश ः
० इस अभियान में कब से लगे हुए है ? आपकी कोई संस्था भी है ?
– माता पिता वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हंै हम । २७ अप्रैल २०१४ को पहला मातृजागरण कार्यक्रम बेगुसराय में किया था जिससे लोग काफी प्रभावित हुए । कार्यक्रम में हजारो लोग पहुँचे थे । कार्यक्रम मे गायिका तृप्ति साकिया ने धार्मिक गीत प्रस्तुत किया था । दूसरा ४ मार्च २०१७ नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के फूलकाहा मे किया जिसमें २ लाख लोग पहुँचे । १०० वृद्ध माता पिता की आरती से कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी, जिसमे पाश्र्व गायिका अनुराधा पौडवाल ने दर्जनो धार्मिक गीत गाकर लोगो को मंत्रमुग्ध किया ।
० आप कहाँ के रहने वाले है ? फिल्मी दुनिया में कैसे पहुँचे ?
– मै बिहार के वेगुसराय का रहने वाला हँु । शुरूआती दौड़ में ड्रामा में भाग लिया करता था । उगना रे मोर कतए गेलै नाटक का मंचन हेतु मुम्बई गया जिसके बाद फिल्मो में काम मिलने लगा ।
० कितने फिल्मो में काम किया है आपने ?
– हे भोले नाथ, वृजवा, तोहरे से प्यार बा, कखन हरब दुःख मोर, कंगना, तन्नू वेड्स मन्नू फिल्म में काम किया जो हिट हुआ । इसके अलावा धारावाहिक सीरियल भाग्य विधाता में लिट्टी मामा का किरदार, जमूनिया में बोधन मामा का किरदार प्रतिज्ञा, इश्क के रंग सफेद, एक घर बनाउँगा और उतरन जैसी १३ हिन्दी धारावाहिक में काम किया हूँ ।
० काम की प्रशंसा ?
– जी, हे भोलेनाथ और कखन हरब दुःख मोर का बेहतरीन किरदार के लिए दो दफा एक्सीलेन्स एवार्ड मिला । संयोग से यह अवार्ड भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों एक बार सूरत तो दूसरी बार अहमदाबाद में मिला ।
० मैथिली के प्रति आपका विशेष लगाव है ?
– जी मैथिली मेरी मातृ भाषा है । मैथिली नाटक कखन हरब दुःख मोर से हम फिल्मी दुनिया में स्थापित हुए, मैथिली के सर्वोपरि कवि विद्यापति जी से प्रभावित हुँ । इस कारण से हम उनके पैतृक गाँव मधुवनी के विस्पी में १११ फिट का विद्यापति प्रतिमा लगा रहे है । वहाँ अस्पताल, पुस्तकालय खोलने जा रहे है जहाँ दूर दराज से लोग विद्यापति धाम पहुँचेंगें । यह मेरा सौभाग्य है कि विद्यापति जी को समर्पित विद्यापति धाम का निर्माण मेरे हाथों हो रहा है ।
० कौन कौन सी भोजपूरी फिल्मों में विलेन का रोल किये हैं ।
– नरसंहार में निरहुआ के साथ, गोबर सिंह में मनोज तिवारी के साथ प्रीत न जाने रीत रवि किशन के साथ गंगा जइसन माई हमार में रवि किशन, जला दे दूनिया तोहर प्यार में (रविकिशन) के साथ इसके अलावा दूल्हा चोर मैथिली फिल्म है जिसमें भी हम विलेन का रोल किये है जो रिलीज होने वाली है ।
० नेपाल आने का उद्देश्य ?
– वृद्धा आश्रम मुक्त हो भारत और मित्र राष्ट्र नेपाल ।
० इस क्षेत्र में और कोई उपलब्धि ?
– जी २००२ में अपने म्यूजिकल टीम के साथ साउथ अफ्रिका के जामिया में इंडिया का रिप्रजेन्ट किया ।
० फिल्मी दुनिया में प्रवेश करने से पहले रोजी रोटी का जरिया ?
– जी, फिल्म में काम करने से पहले लघु सिंचाई विभाग में था । सरकारी नौकरी थी । लेकिन मन नही लगा । २ साल नौकरी किया । फिर नौकरी छोड़ कर मनोरंजन की दुनिया में प्रवेश किया ।
० मातृ जागरण का भव्य कार्यक्रम जिसमें लाखों लोग को जुटाते हैं बड़े स्टार को बुलाते है गाँव में क्यो ? जबकि शहर में सारी सुविधा उपलब्ध है ?
– सही कहा आपने शहर में हर सुविधा उपलब्ध है । गाँव में कराने का उद्देश्य लोग नौकरी पेशा से जुड़ने के बाद गाँव छोड़ देते है । गाँव में बसे बूढ़े माता पिता रह जाते हैं । अगर ऐसा ही रहा तो अब ग्रामीण इलाको में भी वृद्धाश्रम धमाधम खुलने लगेंगे । इस विकृति को रोकने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाको में ऐसा कार्यक्रम कर लोगो में जनचेतना जगाने का काम करते है ।
० एक कार्यक्रम में ५० लाख से भी उपर का खर्च आता है कैसे करते है यह सब ?
– विद्यापति का आर्शिवाद प्राप्त है । अपने माता पिता का आर्शिवाद है । हाथ डालता हूँ काम हो जाता है ।
० अंत में कुछ कहेंगें ?
– मेरा स्लोगन है । हर बात को भूलो भले, माँ बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों हैं, इस बात को मत भूलना ……….. । जय भारत जय नेपाल ।
