मौन रहनें सें बढतें हैं ८ साल उम्र
हिमालिनी डेस्क
काठमांडू, २५ मार्च ।
बढ़ते शोर और ध्वनि प्रदूषण की वजह से कहीं न कहीं हमारी सेहत भी प्रभावित हो रही है ।
बढ़ता शोर जहां सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है, वहीं दिल के रोग, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता, अनिद्रा आदि की वजह भी बनता है ।
डब्लु एच ओ (WHO) की हालिया रिपोर्ट के यह बात सामने आई है कि बढ़ते शोर की वजह से मानसिक तनाव का स्तर भी बढ़ रहा हैं ।
मानसिक रूप से तनाव में रहने के कारण हमारे फैसला लेने की क्षमता, रचनात्मकता और फोकस पर भी असर पड़ता है । ऐसे में इससे बचने के लिए शांत और मौन रहना कारगर साबित हो सकता है ।
मौन रहने के ये हैं फायदे
चुप रहने से मस्तष्कि में नये सेल बनते हैं, जो हमारी याददाश्त मजबूत करते हैं और सीखने–समझने की क्षमता को मजबूत करते हैं । डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी बीमारी में मौन या शांत रहना बेहद अच्छा हैं ।
ध्यान केंद्रित करने में मिलती है मदद
अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है तो सिर्फ घ मिनट शांत बैठने से ही आपको अंतर दिखने लगेगा ।
शांत रह कर बड़े मसले हल
जीवन में कई बार भावुक और कमजोर पल आते हैं । भावनाओं में बह कर कई बार हम गलत फैसले ले लेते हैं । ऐसे में कुछ देर खुद को शांत रख कर सही नतीजे तक पहुंच सकते हैं ।