हम विद्यार्थी कलेक्ट नहीं, सेलेक्ट कर रहे हैं : एस.पी सिंह
डॉ. एस.पी सिंह, काठमांडू | पेंटागन इन्टरनेशनल कॉलेज काठमांडू के टॉप कालेजों में से एक है । इस कॉलेज में विज्ञान, मैनेजमेंट व मानविकी संकाय संचालित हैं । इनके अतिरिक्त स्नातक तक भी पठन–पाठन होता है । स्नातक में खासकर मैनेजमेंट व मानविकी का पठन–पाठन होता है । नेपाल में मौजूदा शिक्षा की स्थिति तथा पेंटागन इन्टरनेशनल कॉलेज की विशेषताओं के बारे में हिमालिनी के सह–सम्पादक विनोदकुमार विश्वकर्मा ने पेंटागन इन्टरनेशनल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. एस.पी. सिंह से बातचीत की । प्रस्तुत है, बातचीत का मुख्य अंश–
० आप एसईई परीक्षा के नतीजा को किस प्रकार मूल्यांकन करते हैं ?
– समग्र में देखा जाए तो इस बार का परीक्षाफल ज्यादा उत्साहप्रद नहीं है । जीपीए के हिसाब से देखा जाए तो जो विद्यार्थी पढ़ने में डिजर्विंग था, वह अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किया है । लेकिन अधिकांश विद्यार्थियों का जीपीए अच्छा नहीं है । इसका प्रथम कारण है– शिक्षक, इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा दूसरा है नेपाल की मौजूदा शिक्षा नीति । अतः मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में सुधार तभी सम्भव है, जब इसमें सरकार की ईमानदार कोशिश हो ।
० इस बार की परीक्षा में बहुत कम विद्यार्थी ‘ए प्लस’ लाए हैं । आप क्या कहना चाहते हैं ?
– देखिये, यह एक गम्भीर सवाल है और इस पर गंभीर रुप से विश्लेषण करने की भी आवश्यकता है । सर्वप्रथम मैं कहना चाहूंगा कि देश के प्रत्येक भू–भाग में उपर्युक्त इन्फास्ट्रक्चर नहीं है, योग्य शिक्षक नहीं हैं । आर्थिक अभाव के कारण अधिकांश अभिभावक शहरी विद्यालयों में नहीं पढ़ा पाते हैं । गांव में ही पढ़ाने की बाध्यता है । जबकि गांव के स्कूलों में योग्य शिक्षकों का अभाव, अधिकांश स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कभी, उपयुक्त लैव व पुस्तकालय भी नहीं है । सरकारी और निजी स्कूलों की तुलना की जाए तो निजी स्कूल के प्रयास से ही नतीजा थोड़ा अच्छा हुआ है । अतः प्रत्येक भूभाग के विद्यालयों को सुधार करने के लिए अच्छी नीति लानी चाहिए । इसी प्रकार अधिकांश शिक्षक पोलिटिक्स से जुड़े हुए हैं । पढ़ाई करने से भी होगा और नहीं करने से भी होगा, इसी मानसिकता से वे पढ़ाते हैं । अतः ऐसी मानसिकता को भी हटाने की जरुरत है । तभी सरकारी विद्यालयों का परीक्षाफल बेहतर हो सकता है ।
० आपके कॉलेज की विशेषता क्या है ?
– हमारे कॉलेज आज से ८ वर्ष पूर्व स्थापित हुई है । स्थापना करते समय हम प्राज्ञिक लोगों को ही रखे । इनमें से अधिकांश यूनिवर्सिटी शिक्षक हैं । और कुछ शिक्षक ऐसे हैं, जो शिक्षण पेशा से ही जुड़े हुए है । हमारी यही तमन्ना थी कि एक ऐसी संस्था की स्थापना हो, जो स्तरीय शिक्षा देने में पूर्णरुपेण सफल हो । इसके साथ–साथ हमने एक आदर्श वाक्य तय किए है । वह है– विश्वसनीय शिक्षा स्वदेश में । इसी आदर्श वाक्य को लेकर हम आगे बढ़े । एक प्राज्ञिक टीम बनी, इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्णय किया गया । इसी हिसाब से हम आगे बढ़ते गए । बहुत हद तक सफलता भी मिली । स्थापना काल से लेकर अभी तक ६०० से अधिक विद्यार्थी एमबीबीएस पढ़ने हेतु नेपाल से बाहर भी गए, ८०० से अधिक विद्यार्थी इन्जिनीयरिंग अध्ययन हेतु स्वदेश और विदेश भी गए । इसी प्रकार २००–२५० से विद्यार्थी चार्टर एकाउंटेन्ट पढ़ने हेतु बाहर गए ।
इसी प्रसंग में मैं आपको एक बात की जानकारी करवाना चाहूंगा कि विद्यार्थी का रीजल्ट ही सब कुछ नहीं है । अगर आपके विद्यार्थी पढ़ने के बाद कैंपिटिशन में नाम निकाल लेते हैं, तभी आप को पता चलता है कि विद्यार्थी क्वालिफाइड हैं । इनके अतिरिक्त हमारे यहां के सभी विद्यार्थी अनुशासित हैं और अतिरिक्त क्रियाकलापों में भी अच्छे कर रहे हैं ।
हमारी मान्यता है कि सिर्फ किताबी शिक्षा ही सफिसिएन्ट नहीं है । बल्की उनके लिए शिक्षा सम्पूर्णता में होनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी एक अच्छा इन्सान बन सके । इसी मान्यता को लेकर हम शुरु से ही आगे बढ़ रहे हैं और आवश्यकता अनुसार सुधार भी करते जा रहे हैं ।
० आपके कॉलेज में विद्यार्थी क्यों पढ़े ?
– हमारा एक ही उद्देश्य है– अच्छे वातावरण में गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करना । इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु हमने सारी सुविधाओं की व्यवस्था भी की है । इसी वजह से हमारे कॉलेज में आते ही विद्यार्थी पढ़ने के लिए आकर्षित हो जाते हैं । उन्हें ऐसा महसूस होता है कि हम अपने ही घर में हैं । शिक्षकों से भी मित्रवत् व्यवहार बढ़ जाता है । हालांकि अनुशासन का पालन करना ही पड़ता है । मैं पुनः संस्मरण करवाना चाहूंगा कि हमारे यहां के सभी शिक्षक योग्य हंै और वे कड़ी मेहनत व लगन से पढ़ाते भी हैं । इसलिए हमारे यहां के विद्यार्थी अच्छें अर्कों से उत्तीर्ण भी होते हैं । और मेडिकल, इन्जिनीयरिंग, सी.ए. जैसे विषयों के कैंपिटिशन में अपना नाम भी निकाल लेते हैं । इसलिए आज हमारे कॉलेज अग्रपंक्ति में स्थापित हो चुके हैं ।
० अंत में आप हिमालिनी के जरिये कुछ कहना चाहते हैं ?
– मैं विद्यार्थी व अभिभावक को कहना चाहता हूं कि एसईई अब पहले जैसा ‘आइरन गेट’ नहीं रहा । जबकि प्लस टू ही अब करियर गेट हो गया है । जब तक विद्यार्थी यह करियर गेट अच्छे अंकों से उत्तीर्ण नहीं होगा, तब तक वह उच्च शिक्षा हेतु आगे नहीं बढ़ पाएगा । अर्थात् उच्च शिक्षा हेतु उन्हें अधिक दिक्कत होगी । इस प्रकार प्लस टू अध्ययन हेतु आप किसी कॉलेज में जाते हैं तो सर्वप्रथम आप यह देखिए कि वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसा है, लैव व पुस्तकालय की उपयुक्त व्यवस्था है या नहीं, अतिरिक्त क्रियाकलाप की सुविधा है या नहीं, विद्यार्थी का रीजल्ट कैसा है, इन्ट्रैन्स का परिणाम कैसा है आदि । सच कहा जाए तो इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर इन्ट्रैन्स के परिणाम तक हम बहुत आगे हैं । हम विद्यार्थी कलेक्ट नहीं कर रहे हैं, जबकि सेलेक्ट कर रहे हैं । हमें अच्छे विद्यार्थी की तलाश है, समर्पित विद्यार्थी की तलाश है, जो हमारे यहां आकर अध्ययन करे ।