हौसलों को जिन्दा रख,यकीन को कायम, इतिहास पर हमारी तारीखें लिखी जाएँगी : श्वेता दीप्ति
आज पर ही कल की ताबीर लिखी जाती है , कल उस पर हमारी जीत लिखी जाएगी : श्वेता दीप्ति
श्वेता दीप्ति
हौसलों को जिन्दा रख, यकीन को कायम
इतिहास पर हमारी तारीखें लिखी जाएँगी ।
मायूसी के अँधेरे से खुद को निकाल
यकीन कर एक दिन होगी हमारी जीत ।
ये वक्त कभी एक सा नहीं रहा
आज तेरा है तो कल हमारा अवश्य होगा ।
जितनी बढेगी ये ज्यादतियाँ
उतनी ही बढेगी हमारी हिम्मत ।
परिणाम कोहरे में लिपटा है जरुर
पर निकलेगा एक दिन अँधेरों को चीर ।
मत मगरुर बन अपने आज पर
घमंड तो रावण का भी नहीं टिका था ।
आज पर ही कल की ताबीर लिखी जाती है
कल उस पर हमारी जीत लिखी जाएगी ।
हौसलों को जिन्दा रख, यकीन को कायम
इतिहास पर हमारी तारीखें लिखी ।