बिहार में सरकार का समीकरण क्या है ?
नीतीश ने दिया सीएम पद से इस्तीफा, अब भाजपा के साथ बनायेंगे नई सरकार*
*पटना.मधुरेश*- बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम के इस्तीफे के साथ ही सूबे में पिछले बीस माह से चल रही महागठबंधन की सरकार का अंत हो गया। सीएम के इस्तीफे के साथ ही बिहार की राजनीति का पारा एकाएक बढ़़ गया है। नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल ने सीएम के इस्तीफे को तत्काल मंजूर कर लिया। सीएम के इस्तीफे के बाद जब पीएम मोदी ने ट्वीट कर जब नीतीश को बधाई दी तब से यह कयास लगाया जाने लगा कि नीतीश अब भाजपा नीत एनडीए के साथ जायेंगे।बदले राजनैतिक परिवेश में भाजपा संसदीय बोर्ड की दिल्ली में आनन-फानन में बैठक हुई। केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही बिहार भाजपा के बड़े नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को समर्थन देने की घोषणा मिडिया में कर दी। इसको लेकर पटना में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने और सरकार में शामिल होने का फैसला लिया गया।जल्दबाजी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने एक घंटे बाद राज्यपाल को अपना समर्थन पत्र भी भेज दिया। इस्तीफे के बाद नीतीश ने सीएम आवास में जेडीयू विधायकों की बैठक की। बैठक के बाद नीतीश ने भाजपा नेताओं समेत उनके विधायकों को सीएम आवास बुलाया। नीतीश से न्योता मिलते ही चेहरे पर मुस्कान लिए बीजेपी के सभी विधायक एवं बड़े नेता सीएम आवास पहुंचे। सीएम आवास में जेडीयू-भाजपा-रालोसपा-हम-एलजेपी संयुक्त विधायक दल की रात्रि करीब दस बजे बैठक शुरु हो गई। बैठक में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, भाजपा के सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, मंगल पांडेय और नीतीन नवीन समेत सभी बड़े नेता शामिल हुए। सूत्रों की माने तो सीएम हाउस में जारी बैठक में एनडीए सरकार के स्वरुप और नये मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा हो रही है। बीजेपी ने अपनी ओर से चौदह मंत्रियों की सूची सौंपी है। नीतीश कुमार को बैठक में एनडीए विधायक दल का नया नेता चुन लिया गया। नीतीश गुरुवार की शाम पुन: सीएम पद की शपथ लेगें। नई सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के फिर डिप्टी सीएम बनने की संभावना प्रबल हो गयी है। बैठक के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर आज ही सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सीएम आवास में एनडीए विधायकों के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया है।
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से महागठबंधन पर चल रहे विवाद को लेकर मुलाकात की थी। लेकिन कुछ खास निर्णय नहीं हो पाने की वजह से नीतीश कुमार को इस्तीफा देना पड़ा। नीतीश ने इस्तीफे के बाद कहा कि महागठबंधन में रहकर काम करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन धर्म निभाने की भरपूर कोशिश की लेकिन सहयोगी दल राजद ने अपना फर्ज अदा नहीं किया। नीतीश ने कहा कि जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप हों उसे तो अपने विवेक से पद छोड़ देना चाहिए। उधर राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने सीएम के इस्तीफे के बाद नीतीश पर हमला बोला। लालू ने कहा कि नीतीश ने गरीबों के पीठ में छुरा मारने का काम किया है। लालू ने नीतीश को हत्याकांड का अभियुक्त बताते हुए भ्रष्टाचार मामले में उनकी जीरो टॉलरेंस नीति का जमकर मजाक उड़ाया। उधर नीतीश पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को राजधानी पटना समेत सभी जिला मुख्यालयों पर नीतीश का पुतला दहन करने एवं काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। फिलहाल बिहार की राजनीति गरम है।
*बिहार में सरकार का समीकरण क्या है?*
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं। जबकि सरकार बनाने के लिए 122 सीटें चाहिए। बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का महागठबंधन था। महागठबंधन के पास राज्य में जेडीयू की 71, आरजेडी की 80 और कांग्रेस की 27 विधायकों को मिलाकर 178 सीटें हैं। अगर नीतीश महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होते हैं तो जेडीयू की 71, बीजेपी की 53, आरएलएसपी और एलजेपी की 2-2 और हम की एक सीट को मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाएगा जो बहुमत से सात ज्यादा है।