Fri. Jan 17th, 2025

मौजूदा संविधान यथास्थितिवादियों का संविधान है : विकास तिवारी video सहित


विकास तिवारी, राजबिराज | वर्तमान में यथास्थितिवादी शक्ति और प्रतिगामी शक्ति एक बार फिर से देश में हावी होने के लिए प्रयास में हैं । जहां तक अधिकार के आन्दोलन का सवाल है, तो यह आन्दोलन जन–जन तक स्थापित हो चुका है । भले ही इसकी गति में थोड़ी सी धीमी क्यों न दिखाई दे रही हो । आने वाले समय में यह आन्दोलन नेपाल के राजनैतिक पटल पर पुनः आगे बढ़ने की व्यापक सम्भावना है ।
नेपाल सद््भावना पार्टी (गजेन्द्रवादी) ‘एक मधेश एक प्रदेश’ के हिमायती है । मधेश में पहाड़ियों के प्रवसन में निरन्तर वृद्धि हो रही है और मधेशियों अपनी ही भूमि में अल्पमत में पड़ते जा रहे हैं । फिलहाल पूर्व–पश्चिम रेलमार्ग बनाने की योजना बनाई गयी है । जबकि यह महेन्द्र राजमार्ग बनाने जैसी बात हो गई है । जहां मधेश है, मधेशी समाज है, वहां से यह रेलमार्ग नहीं बनायी जाएगी । यह सिर्फ चुरिया क्षेत्र होकर बनाने की बात है । जो दूसरा महेन्द्र राजमार्ग होगा । फिर मधेश के ऊपर यह दूसरा खतरा साबित हो सकता है । इसी प्रकार मधेश में विद्यमान सामाजिक–सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक आदि सवालों को समाधान हेतु नेपाल सद्भावना पार्टी (गजेन्द्रवादी) संघर्षरत है, और रहेगा ।

एक मधेश एक प्रदेश मधेशी समस्या का वैज्ञानिक समाधान है-Bikash Tiwari

मौजूदा संविधान निश्चित तौर पर विभेदकारी संविधान है । संविधान के तमाम प्रावधान विभेदकारी हैं । जैसे– संविधान की धारा २८६ के (१२) में यह उल्लेख किया गया है कि ‘२० वर्ष के बाद निर्वाचन क्षेत्र’ का पुनरवलोकन किया जाएगा । जबकि इससे पूर्व १० वर्ष का प्रावधान रखा गया था । साफ है कि जो निर्वाचन क्षेत्र निर्धारण हो गया, वह २० वर्ष तक कायम रहेगा । अतः मौजूदा संविधान यथास्थितिवादियों का संविधान है, प्रतिगमनकारियों का संविधान है । इस संविधान का अल्पविराम, अद्र्धविराम और पूर्णविराम में परिवर्तन होने से कुछ नहीं होने वाला है ।
जहां तक सवाल है चुनाव का, तो मेरे ख्याल से चुनाव एक तकनीकि बात है और चुनाव से राजनीतिक समस्या का समाधान होने वाला भी नहीं है । अतीत को देखा जाए तो देश में कई बार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका । इसलिए मधेश की मौजूदा समस्याएं चुनाव से समाधान होगा भी नहीं ।
मधेश की मूल मांग है– ‘एक मधेश एक प्रदेश’ । इसके लिए हमें संघर्ष करना चाहिए । लेकिन अभी की स्थिति ऐसी है कि मधेश के जो नेता काठमांडू में जमे हुए हैं, काठमांडू में जिनका मुख्यालय है, जिनका घर है, वे सभी काठमांडू में ही बैठकर मधेश की बात करते हैं । इसी प्रकार मधेश में होने वाले आन्दोलन को निजी आन्दोलन समझते है और यह भी कहते हैं कि मेरे ही चेहरा को देखकर यह आन्दोलन हो रहा है । इस तरह से वे मधेशी जनता को भ्रम में डाल रहे हैं । अतः ऐसे भ्रम को अपने मस्तिष्क से हटाकर समग्र मधेश के लिए बिगुल फंूकें ।
(विकास तिवारी, नेपाल सद्भावना पार्टी (गजेन्द्रवादी) के अध्यक्ष हैं ।)

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
%d bloggers like this: