प्रजातंत्र और आतंकवाद:विनिता झा
प्रजातंत्र के लिए आतंकवाद एक बडा खतरा है। आज प्रायः विश्व के सभी देशों पर आतंकवाद की समस्या है । पिछले दो दशकों से नेपाल, भारत, पाकिस्तान अन्य सभी राष्ट्र आतंकवाद का सामना कर रहे हें । नेपाल एक प्रजातान्त्रिक देश हैं । स्वतंत्रता, समानता व सामाजिक न्याय प्रजातंत्र के तीन मूल आधार हैं । देश की स्वतंत्रता और शान्ति बनाए रखने के लिए आतंकवाद का सख्ती से खात्या जरुरी है । आतंकवाद कई कारणों से पनपता है । आतंकवाद की उत्पति विभिन्न कारणों से होती है । आतंकवाद कई कारणों से पनमता है, जिससे अहम् भूमिका अदा करते हैं- समाजिक, आर्थिक ओर राजनैतिक ।
आज चाहे जिस आतंकवाद की बात करे, सबमें ऐसे ही व्यक्ति सम्मिलित हैं । चाहे पाकिस्तान के घुसपैठिये हो या ओसामा बिन लादेन के आदमी । चाहे उत्तर प्रदेश के दस्यु सरगना के घूस पैठिये हो या तस्कर का गिरोह या अन्य आतंकवादी संगठन सबकी कहानी एक जैसी है । इन सबका मुख्य कारण है कि इन गिरोहों और संगठनों को कुछ राजनीतिज्ञों का संरक्षण प्राप्त करता है, जिसके कारण कोई इनका बाल बाँका नहीं कर सकता ।
आतंकवाद के चलते ही देश में ‘रावण राज्य’ व्याप्त हो गया है । एक तरफ जहाँ शांति की बात करते हैं, और दुसरी तरफ दिन व दिन आतंक और अशांति बढÞता जा रहा है । कहने को तो नेपाल और राष्ट्रों की तरह धर्मनिरपेक्ष राज्य है, मगर यहाँ होने वालो झगडÞे में सबसे अधिक धर्म और जात को लेकर होते हैं । नेताओं के कुटनीतिक चाल और व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण दो गुटों में संर्घष्ा होता रहता हैं । यद्यपि पहले से हमने अनेक समाजिक बुराइयों और सामाजिक कुरितियों को खत्म कर दिया है । परंतु आरक्षण और वोट की राजनीति ने जातिवाद क्षेत्रवाद व अलगाव को बढावा दिया है और यही सब मिलकर आतंकावाद को बढावा देते है ।
नेपाल में राजनीतिक दलों के इतिहास और कार्यक्रम पर दृष्टि डालने से लगता है कि ये राजनीतिक दल न होकर दलदल है, जहाँ न तो विचारधारा का कोई स्थान है, न ही सक्रिय और निष्ठावान कार्यकर्ताओं का और नहीं संर्घष्ा की क्षमता है । इसलिए इन दलों के पास देश और समाज के कोई काम नहीं करना है । बस अपना पेट भरना है । इनका उद्देश्य सत्ता हासिल करना मात्र है । यहाँ राजनीति में अपराधियों का बोल बाला है, उनके भय से सरकारी कार्यालयों के अधिकारी अपने प्राणों की रक्षा के लिए चिंतित रहते है । नेपाल में प्रजातंत्र आने के बाद भी गरीब जनता की रोटी, भूख, विषमता और बेरोजगारी की और नेताओं का ध्यान नहीं जा रहा है ।
नेपाली समाज राजनीति आतंकवाद को प्रोत्साहित करते है । इन्हें समाप्त करने के लिए जागरुकता की आवश्यकता है । आज ओसामाबीन लादेन जैसा आतंकी भी मरा गया अंत उसका बहुत बुरा हुआ । आतंकी चाहे कितना भी बलशाली क्यों उसकी पराजय होती है और हमेशा सत्य और अच्र्छाई की जीत होती है । आवश्यकता है जनता के दृढÞ इच्छा शक्ति को जागृत करने की और दृढÞ इच्छा शक्ति केवल तभी जागृत होगी, जब उसकी आत्मा को चोट लगेगी । तब समाज और राजनीति के आधार ही बदल जाएँगे और फिर आतंकवाद का सफाया अपने आप हो जाएगा । आतंकवाद से निपटने के लिए देश के नागरिकों को जागरुक बनना होगा । उसमें देश प्रेम की भावना जगानी होगी । देश की गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार को मजबूत कदम उठाने होंगे ।
लोकतंत्र की कमियों को दूर करना हम सब का तथा राजनीति कार्यकर्ताओं का कार्य है । उन्हें लोकतंत्र की मर्यादा के लिए निजी स्वार्थ को त्यागना होगा । प्रजातंत्र जनता का शासन है । हमारे देश ने लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली अपनाया है, और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वहाँ की राजनीतिक कितनी स्वच्छ है – यदि राजनीतिक व्यवस्था सही रहेगी तो लोकतंत्र सफल होगा ।