अब चिनिया इन्टरनेट भी नेपाल में
काठमांडू, ११ जनवरी । दूसर संचार के अन्तर्राष्ट्रीय आवद्धता (स्थलमार्ग से होनेवाला) आज तक भारत के माध्यम से होते आ रहा था । लेकिन अब नेपाल, चीन होते हुए भी अन्तर्राष्ट्रीय संजाल में आबद्ध होने जा रहा है । चीन होते हुए इन्टरनेट के विश्व बाजार में नेपाल शामील होने के बाद भारतीय एकाधिकार समाप्त हो जाएगा । यह समाचार आज प्रकाशित नयां पत्रिका दैनिक में है ।
विश्वव्यापी दूरसञ्चार नेटवर्क में आबद्ध होने के लिए स्याटेलाइट और केबल दो माध्यम है । दूरसञ्चार में अन्तर्राष्ट्रीय आबद्धता के लिए नेपाल ने एक से ज्यादा देशों से स्याटेलाइट प्रयोग किया है । लेकिन स्थलगत आबद्धता सिर्फ भारत के साथ होते आ रहा है । जब चीन ने रसुवा जिला में क्रसबोर्डर अप्टिकल फाइबर लिंक जडान किया, उसके बाद स्थाल भार्ग से नेपाल, चीन के साथ आबद्ध हो गया है । रसुवा में निर्मित अप्टिकल फाइबर लिंक का औपचारिक उद्घाटन कल शुक्रबार होने जा रहा है ।
इसकी प्राविधिक परिक्षण खत्म हो चुका है । जानकार लोगों का कहना है कि चीन से आनेवाला इन्टरनेट भारत से आनेवाला इन्टरनेट से फास्ट होनेवाला है । दो साल पहले नेपाल टेलिकम और चाइना टेलिकम ग्लोबल लिमिटेड (सिटिजी) के बीच रसुवा के जिलोङ गेटवे होते हुए चीन और नेपाल को स्थालीय केबुल मार्ग से जोड़ने का समझौता हुआ था ।
